बक्सर : जिले में पांच हजार हेक्टेयर में मक्के की खेती का लक्ष्य

बक्सर : जिले में कुल 5 हजार हेक्टेयर में मक्के की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रखंडवार कुल 18750 टन मक्का उत्पादन करने के लिए कृषि विभाग संकल्पित है. वर्षा की प्रतिकूल परिस्थितियों में मक्का की खेती करने के लिए अगस्त माह को उपर्युक्त समय माना गया है. विलंब से […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 10, 2019 2:05 AM

बक्सर : जिले में कुल 5 हजार हेक्टेयर में मक्के की खेती करने का लक्ष्य निर्धारित है. वित्तीय वर्ष 2019-20 में प्रखंडवार कुल 18750 टन मक्का उत्पादन करने के लिए कृषि विभाग संकल्पित है. वर्षा की प्रतिकूल परिस्थितियों में मक्का की खेती करने के लिए अगस्त माह को उपर्युक्त समय माना गया है.

विलंब से मॉनसून के आगमन की स्थिति में धान के अतिरिक्त मक्का की खेती को किसान विकल्प के रूप में अपना सकते हैं. जिला कृषि पदाधिकारी कृष्णनंद चक्रवर्ती ने कहा कि निर्धारित लक्ष्य को पूरा करने के लिये प्रयास जारी है. उन्होंने बताया कि बक्सर में कुल 563.38 हेक्टेयर में कुल 2113 टन उत्पादन का लक्ष्य रखा गया है.
इसी प्रकार चौसा में 352.11 हेक्टेयर में 1320 टन, राजपुर में 669.01 हेक्टेयर में कुल कुल 2509 टन, सिमरी में 704.23 हेक्टेयर में कुल 2641 टन, इटाढ़ी में 528.17 हेक्टेयर में कुल 1981 टन, डुमरांव में 563.38 हेक्टेयर में कुल 2113 टन, नावानगर में 563.38 हेक्टेयर में कुल 2113 टन, केसठ में कुल 105.63 हेक्टेयर में कुल 396 टन उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित है. इसी प्रकार चौगाई में 176.06 हेक्टेयर में कुल 660 टन, ब्रह्पुर 633.80 हेक्टेयर में कुल 2377 टन मक्का उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया गया है.
उन्होंने मक्का की खेती करने वाले वैसे किसानों को सलाह दिया है कि वे अपने खेतों की गुड़ाई कर सकते हैं. जिला कृषि पदाधिकारी ने कहा कि बारिश होने पर टमाटर व भिंडी की फसल में फलछेदक कीट नियंत्रण के लिए 750 मिली साइपरमैथरीन, रिपकार्ड 10 ईसी या लैम्बडासाईहेलोथ्रिन की स्प्रे का छिड़काव किसान कर सकते हैं. वही जुलाई माह में मिश्रीकंद व बैगन की बुआई भी किसान कर सकते है.
बरसात के दिनों में पशुओं को घावों से बचाना जरूरी
बारिश होने पर जिला चिकित्सा पदाधिकारी ने पशुओं पर विशेष ध्यान देने को कहा है. उन्होंने कहा कि यदि पशुओं में किसी कारणवश घाव हो गये हों तो उन्हें बचाएं. घावों को 2.4 प्रतिशत फिनाइल के घोल से धोकर साफ कर लें. यदि कीड़े पड़ गये हों तो उन्हें निकाल कर लोरेक्सेन,हिमेक्स, हरवेक्स महलम दिन में दो से तीन बार लगाएं, मक्खियों से बचाव के लिए घाव पर पट्टी बांधना लाभदायक है.

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