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अंकेक्षण के अनुपालन प्रतिवेदन का प्रस्ताव आते ही पार्षदों ने किया विरोध

डुमरांव : नगर विकास विभाग ने कई संसाधनों की खरीद का लेखा-जोखा नगर पर्षद द्वारा सही तरीके से नहीं भेजने पर नाराजगी जतायी है और सख्त हिदायत देते हुए पूर्व में भेजे गये प्रतिवेदन को नये सिरे से बोर्ड से अनुमोदन कराकर भेजने का निर्देश दिया है. निर्देश के बाद मंगलवार को नप प्रशासन ने […]

डुमरांव : नगर विकास विभाग ने कई संसाधनों की खरीद का लेखा-जोखा नगर पर्षद द्वारा सही तरीके से नहीं भेजने पर नाराजगी जतायी है और सख्त हिदायत देते हुए पूर्व में भेजे गये प्रतिवेदन को नये सिरे से बोर्ड से अनुमोदन कराकर भेजने का निर्देश दिया है. निर्देश के बाद मंगलवार को नप प्रशासन ने बोर्ड की बैठक बुलायी, जिसकी अध्यक्षता चेयरमैन भागमनी देवी ने की. इस दौरान अंकेक्षण के अनुपालन प्रतिवेदन का प्रस्ताव जैसे ही बोर्ड के समक्ष आया, जिसे लेकर पार्षदों ने एक स्वर में विरोध किया. विरोध के बाद इस प्रस्ताव पर पार्षदों के अनुमोदन नहीं हो सका.

बताया जाता है कि डुमरांव नगर पर्षद ने गत दो वित्तीय वर्षों में शहर के विकास को लेकर कई संसाधनों की खरीद की थी, जिसका लेखा-जोखा नप ने नगर विकास एवं आवास विभाग के पास भेजा था, जिसे विभाग ने अमान्य करार देते हुए संसाधनों की खरीद के साक्ष्य के साथ बोर्ड के अनुमोदन सहित कागजात की मांग की है. मंगलवार को पार्षदों के विरोध के बाद नप प्रशासन की बेचैनी बढ़ गयी है.
बैठक में पार्षदों ने किया विरोध
बोर्ड की बैठक में बहस के दौरान पार्षद संतोष कुमार मिश्रा ने कहा कि नप के पास आय व व्यय की कोई जानकारी नहीं है. इस संदर्भ में फाइल देखने के लिए मांगा भी जाता है तो कार्यालय देने से इन्कार कर देता है.
वहीं पार्षद सोनू कुमार ने कहा कि योजनाओं की खरीदारी को लेकर कोई जानकारी पार्षदों को नहीं दी जाती और आय-व्यय की विवरणी बोर्ड की बैठक में नही रखा जाता. बैठक के दौरान पार्षद छोटक शर्मा, अख्तर हुसैन, अरविंद कुमार, हरिशंकर ततवा सहित अन्य मौजूद थे.
विभागीय निर्देश का होगा पालन
नगर विकास व आवास विभाग द्वारा भेजे गये निर्देशों का अनुपालन किया जायेगा. अंकेक्षण का अनुपालन प्रतिवेदन को बोर्ड से अनुमोदित कराने के लिए अगली बैठक बुलायी जायेगी.
सुजीत कुमार, कार्यपालक पदाधिकारी, नप, डुमरांव.
दो वित्तीय वर्षों का देना है लेखा-जोखा
नप सूत्रों ने बताया कि विभाग ने वित्तीय वर्ष 2012-13 व 2013-14 के लेखा-जोखा बोर्ड व सशक्त स्थायी समिति से अनुमोदित कराकर भेजने का निर्देश जारी किया है. जानकार बताते हैं कि इन दोनों सत्रों में नप द्वारा करीब दो करोड़ की राशि से कई संसाधनों की खरीद हुई थी, जिसका लेखा-जोखा नप प्रशासन ने बगैर बोर्ड से अनुमोदित कराये ही भेजा था.

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