टीबी मरीजों के खाते में आयेगी 1500 रुपये की पहली किश्त
जिले के टीबी के इलाजरत मरीजों के लिए अच्छी खबर है. अब तक जितने मरीजों का निक्षय पोषण योजना की राशि का भुगतान नहीं हुआ है
बक्सर. जिले के टीबी के इलाजरत मरीजों के लिए अच्छी खबर है. अब तक जितने मरीजों का निक्षय पोषण योजना की राशि का भुगतान नहीं हुआ है, उनके खाते में राशि हस्तांतरित की जाने लगी है. साथ ही, इसको लेकर सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने सभी बैकलॉग को खत्म करने का निर्देश दिया है. ताकि, जिले में इलाजरत सभी टीबी मरीजों को जल्द से जल्द निक्षय पोषण की राशि मिल सके. सिविल सर्जन डॉ. सुरेश चंद्र सिन्हा ने बताया कि वित्तीय वर्ष 2023-24 के खत्म होने के बाद निक्षय राशि का भुगतान नहीं किया जा सका. क्योंकि बजट के बाद ही योजनाओं के लिए राशि भेजी जाती है. गत दिनों जिले को निक्षय पोषण योजना के लाभार्थियों के लिए सरकार ने 30 लाख रुपए भेजे हैं. जिसमें से 15 लाख रुपए इलाजरत मरीजों के खाते में भेजे जा चुके हैं. शेष राशि का भुगतान भी शनिवार तक पूरा कर लिया जाएगा. ताकि, योजना का लाभ सभी लाभुक को मिल सके. अब किश्तों में भेजी जाएगी मरीजों के खाते में राशि : जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी डॉ. शालीग्राम पांडेय ने विभाग द्वारा अब निक्षय पोषण योजना की राशि के वितरण में बदलाव किया गया है. पहले टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन के बाद हर माह उनके खाते में 500 रुपए भेजे जाते थे. लेकिन नए नियमों के अनुसार टीबी मरीजों के नोटिफिकेशन के बाद 1500 रुपए की पहली किश्त खाते में हस्तांतरित की जायेगी. जिसके 84 दिनों के बाद उनके खाते में दोबारा 1500 रुपए भेजे जाएंगे. हालांकि, विभाग ने इसमें एक और नियम जोड़ा है जिसके तहत यदि किसी मरीज का इलाज छह माह से ऊपर चलता है तो उसके बाद इलाज अवधि तक 500 रुपए उसके खाते में हस्तांतरित किया जाएगा. निक्षय मित्र योजना को भी दी जाएगी गति : जिला यक्ष्मा नियंत्रण पदाधिकारी ने बताया कि निक्षय पोषण योजना के साथ निक्षय मित्र योजना को भी गति प्रदान की जाएगी. ताकि, टीबी मरीजों को दवाओं के साथ साथ पौष्टिक भोजन प्राप्त हो सके और उन्हें जल्द से जल्द इस बीमारी से छुटकारा मिल सके. डॉ. शालीग्राम पांडेय ने बताया कि जिले में निक्षय मित्रों को बढ़ावा देने के लिए जिला स्तर से लेकर ग्राम स्तर तक के लिए रणनीति तैयार की जायेगी. जिसमें पंचायत, प्रखंड और जिला स्तर पर इलाजरत मरीजों को गोद लेने के लिए निक्षय मित्रों को तैयार किया जाएगा. इसके लिए जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल के साथ बैठक कर उनसे वार्ता की जायेगी. ताकि, जिले के सक्षम लोगों, संस्थाओं या एनजीओ को इसके लिए तैयार किया जा सके.
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