बक्सर. जिले में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा गेहूंं की खरीदारी प्रारंभ कर दी गई है. राज्य सरकार द्वारा विकेन्द्रीकृत प्रणाली के तहत खरीद की जिम्मेवारी सहकारी समितियों को सौंपी गई है. इसके लिए जिले के कुल 135 समितियों को चयनित किया गया है. जिनमें 128 पैक्स एवं 7 व्यापार मंडल शामिल हैं. लेकिन समितियों को गेहूं बेचने के प्रति किसान उदासीन बने हुए हैं. लिहाजा, गेहूं की खरीदारी में तेजी नहीं आ रही है. चालू खरीफ विपण वर्ष में खाद्य एवं आपूर्ति विभाग द्वारा जिले के लिए लक्ष्य भी निर्धारित कर दिया गया है. खरीफ विपणन वर्ष 2024-2025 में 20 लाख 143 एमटी गेहूं खरीदारी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. जिसके खिलाफ अभी तक मात्र 39.700 एमटी गेहूं की खरीद हुई है. एमएसपी से ज्यादा बाजार मूल्य केन्द्र सरकार द्वारा खरीफ विपणन वर्ष में गेहूं का न्यूनतम समर्थन मूल्य 2275 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है. जिसमें किसानों को गनी बैग एवं क्रय केन्द्र तक गेहूं पहुंचाने का अतिरिक्त खर्च चुकता करना पड़ रहा है. जबकि बगैर कोई अतिरक्त खर्च गेहूं का बाजार मूल्य 2325 से 2350 रुपये तक मिल रहा है. ऐसे में किसान अपने खलिहान से सीधे व्यापारियों को बाजार मूल्य पर गेहूं बेच दे रहे हैं. किसानों को आगे हो सकती है परेशानी जिला सहकारिता पदाधिकारी प्रभाकर कुमार ने कहा कि समितियों को गेहूं बेचने वाले किसानों के बैंक खाता में 48 घंटे के अंदर पूरी राशि मुहैया करा दी जायेगी. ऐसे में किसानों को पैसा की लेनदेन में काफी सहूलियत मिल रही है. उन्होंने कहा कि सभी पैक्सों को गेहूं खरीदारी हेतु कम से कम 50 किसानों को ऑन लाइन रजिस्ट्रेशन कराने की जिम्मेवारी सौंपी गई है. इस बार समितियों को गेहूं न बेचने वाले किसानों को अगले साल धान बेचने में परेशानी हो सकती है. सो किसानों को व्यापारियों के बदले समितियों को गेहूं बेचने की सलाह दी जा रही है.
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जिले में 20 हजार 143 एमटी होगी गेहूं की खरीदारी
ले में किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर सरकार द्वारा गेहूंं की खरीदारी प्रारंभ कर दी गई है
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