सदर अस्पताल की सफाई बंद
बक्सर : सदर अस्पताल बक्सर में सफाई कर्मियों ने विगत दो माह के बकाया वेतन की मांग को लेकर अस्पताल के मुख्य गेट पर धरना एवं प्रदर्शन किया, जिसके कारण अस्पताल की सफाई व्यवस्था पूरे दिन बाधित रही. सफाई कर्मियों ने अस्पताल के किसी भी वार्ड में झाडू व पोछा नहीं किया. डस्टबीन में पड़ी […]
बक्सर : सदर अस्पताल बक्सर में सफाई कर्मियों ने विगत दो माह के बकाया वेतन की मांग को लेकर अस्पताल के मुख्य गेट पर धरना एवं प्रदर्शन किया, जिसके कारण अस्पताल की सफाई व्यवस्था पूरे दिन बाधित रही. सफाई कर्मियों ने अस्पताल के किसी भी वार्ड में झाडू व पोछा नहीं किया. डस्टबीन में पड़ी मेडिकल कचरा भी ज्यों-का-त्यों पड़ा रहा. हर दिन अस्पताल का फर्श चमकनेवाला शुक्रवार को धूल व गंदगी से पटा पड़ा था. आने-जानेवाले मरीज इस सबसे अनजान अपना इलाज कराने में मशगूल रहे.
वहीं, मरीजों के साथ आनेवाले परिजनों को गंदगी का एहसास हुआ. इनडोर में भरती होनेवाले मरीजों के वार्ड के समीप ही शौचालय है. इसकी सफाई नहीं होने से इनडोर के मरीजों को काफी परेशानी हुई. संध्या समय तक अस्पताल की स्थिति सफाई को लेकर चरमरा गयी थी. सभी वार्डों में गंदगी का अंबार देखने को मिला.
* निजी एजेंसी से ली जा रही सेवा
अभी सरकार द्वारा ज्यादातर कार्य सेवा प्रदायी एजेंसियों से लिया जा रहा है. ये एजेंसियां अपने कार्य को पूरा करने के लिए मानदेय के आधार पर सफाई कर्मियों को नियुक्त किया है. एसी द्वारा इन कर्मियों से सफाई कार्य कराया तो जाता है, लेकिन सफाई कर्मियों को समय पर पगार नहीं दिया जाता है. अपने वेतन को लेकर समय-समय पर सफाई कर्मी अस्पताल की सफाई व्यवस्था को ठप करते रहे हैं, जिससे अस्पताल की सफाई कार्य बाधित हो जाती है. इसके पूर्व में भी सफाई कर्मियों ने मानदेय भुगतान को लेकर कई बार हड़ताल किया है.
संवेदक के साथ समझौता के बाद सफाई कर्मी काम पर लौटे थे. वर्तमान में कार्य कर रही एजेंसी ब्लैक लिस्टेड है. सूत्रों के अनुसार सफाई कर्मियों की नियुक्ति को लेकर कोई दूसरी एजेंसी पिछली बार सामने नहीं आयी थी, जिसके कारण विवश होकर उक्त एजेंसी को निविदा देना पड़ा था.
* छठ में भी नहीं मिला था मानदेय
अस्पताल में 16 सफाई कर्मी हैं, जिनको दीवाली व छठ में भी मानदेय भुगतान नहीं मिला था. इसके कारण कर्मियों में संवेदक के प्रति काफी आक्रोश था. जबकि कर्मियों के मानदेय भुगतान के लिए अस्पताल ने पिछले चार दिसंबर को ही संवेदक को सात लाख 86 हजार 52 रुपये भुगतान कर चुका है. बावजूद इसके अब तक सफाई कर्मियों को मानदेय नहीं मिला है, जिसके कारण सफाई कर्मी आंदोलन का रुख अख्तियार कर लिये हैं.
* क्या कहते हैं सिविल सर्जन
सिविल सर्जन लक्ष्मण प्रसाद सिंह ने कहा कि विगत चार दिसंबर को ही सफाई के लिए कार्यरत एजेंसी को सात लाख 86 हजार 52 रुपये का भुगतान कर दिया गया है. ऐसी परिस्थिति में यदि अस्पताल की सफाई बाधित होती है, तो एजेंसी के ऊपर आवश्यक कार्रवाई की जायेगी.