सभी धर्मो का पर्व बन गया है एक जनवरी

बक्सर : हर दशक के शुरुआती साल को यूं ही गुजरने नहीं देना चाहता है हर कोई. इस नववर्ष के पावन अवसर पर सबकी निगाहें इसी के बहाने मौज-मस्ती करने के लिए सालों से टकटकी लगाये बैठी रहती हैं. जैसे ही इसकी आने की खबर मिलती है, लोगों में नयी ऊर्जा का संचार होने लगता […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 2, 2015 9:56 AM
बक्सर : हर दशक के शुरुआती साल को यूं ही गुजरने नहीं देना चाहता है हर कोई. इस नववर्ष के पावन अवसर पर सबकी निगाहें इसी के बहाने मौज-मस्ती करने के लिए सालों से टकटकी लगाये बैठी रहती हैं. जैसे ही इसकी आने की खबर मिलती है, लोगों में नयी ऊर्जा का संचार होने लगता है. पूरे साल दुख सहने के बावजूद, लोग इस दिन को सभी गिले शिकवे भुला कर खुशियों के साथ मनाते हैं.
कुछ ऐसा ही नजारा नगर की गली मुहल्लों व गांव कस्बों में देखने को मिला. हर कोई अपने बीते दुख-सुख के लमहों को भूल कर एक नई खुशियों को एक-दूसरे के साथ साझा करना चाहा. वो चाहे बच्चे हों या बूढ़े या परिवार के मुखिया. सबकी जुबान पर नववर्ष मंगलमय हो सुबह से देर शाम तक रही.
राष्ट्रीय पर्व के रूप उभर रहा नववर्ष
नये साल का आगमन एक राष्ट्रीय पर्व के रूप में उभरते जा रहा है. आनेवाली पीड़ियों को यह पर्व एक बेहतर संदेश देगा. इस त्योहार में सभी धर्मो एवं समुदाय के लोगों द्वारा एक-साथ पूरे हर्ष व उल्लास के साथ मनाये जाने से देश की धर्मनिरपेक्षता को मजबूती मिल रही है. भारत जैसे विभिन्न संप्रदाय व धर्मो को माननेवाले देश में यह अच्छा संदेश फैला रहा है.

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