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Buxar News: गंगा नदी में डाली गयी 3.86 लाख मत्स्य अंगुलिका

Buxar News: अहिरौली घाट स्थित गंगा नदी में 3.86 लाख अंगुलिका का संचयन का शुभारंभ की

बक्सर

. जिलाधिकारी अंशुल अग्रवाल ने शनिवार को गंगा नदी तंत्र में नदी पुर्नस्थापन (रिवर रैचिंग) कार्यक्रम के तहत अहिरौली घाट स्थित गंगा नदी में 3.86 लाख अंगुलिका का संचयन का शुभारंभ की. इस मौके पर डीएम ने कहा कि बढ़ते बाहरीकरण, प्रदूषण एवं मानव जनित क्रियाकलापों के कारण नदियों में जल जीवों की संख्या, प्रजनक मछलियों व प्रजनन स्थल नष्ट हो जाने से मछलियों की संख्या लगातार घट रही है.

नदियों में मछलियों की संख्या कम होती जा रही है

नदियों में सामान्यतः पायी जाने वाले मछलियों की घटती संख्या से जलीय पारिस्थिकी तंत्र एवं जैव विविधता पर प्रतिकूल असर पड़ा है. जिससे मानव समुदाय पर भी प्रभावित हो रहा है. प्राकृतिक जल संपदा को बचाने मत्स्यजीवी को जीविका का अतिरिक्त साधन उपलब्ध कराने तथा विलुप्त हो रहे एवं संकटग्रस्त मछलियों की प्रजाति के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु नदी पुर्नस्थापन जैसे महत्ती उद्देश्यों की पूर्ति हेतु राज्य सरकार के द्वारा अपने संसाधन से प्रमुख नदियों में रिवर रैचिंग करने की योजना संचालित की जा रही है. रिवर रैचिंग अर्थात् नदी पुर्नस्थापन कार्यक्रम के तहत राज्य के गंगा नदी एवं प्रमुख सदाबहार सहायक नदियों यथा करेह, कमला, बुढी गंडक, कोशी, बागमती आदि में वहां के मूल कार्प प्रजाति की ब्रुडर से विभिन्न हैचरियों के द्वारा स्पॉनिंग कराकर तैयार की गयी अंगुलिकाओं की संचयन किया जाना है.

आठ से दस साल के बाद पड़ेगा इसका असर

यह एक दीर्घकालीन कार्यक्रम है. जिसके तहत 8-10 साल तक रिवर रैचिंग कार्यक्रम के के बाद इसका असर मत्स्य उत्पादन एवं उत्पादकता पर दिखाई पड़ेगा. इस योजना के क्रियान्वयन से नदियों की उत्पादकता में अभिवृद्धि होगी, जिससे मत्स्य प्रग्रहण पर निर्भर मत्स्यजीवी समुदाय को आजीविका के लिए अतिरिक्त साधन उपलब्ध होगी. साथ ही नदी जल की गुणवत्ता में अभिवृद्धि होगी तथा प्रदूषण को भी कम किया जा सकेगा. इसी उद्देश्य की पूर्ति हेतु वर्ष 2024-25 में बक्सर जिला के गंगा नदी में अंगुलिका संचयन के लिए चिह्नित किया गया है, जिसमें 3.86 लाख अंगुलिका संचयन के लिए लक्ष्य निर्धारित किया गया है. उक्त के आलोक में 1.91 लाख अंगुलिका का संचयन किया गया है. इस मौके पर जिला परिषद अध्यक्ष सरोज देवी, मत्स्य निदेशालय पटना के उप व्याख्याता टुनटुन सिंह , उप मत्स्य निदेशक, पटना परिक्षेत्र पटना, जिला मत्स्य पदाधिकारी बक्सर, मत्स्य प्रसार पदाधिकारी, मत्स्य विकास पदाधिकारी उपस्थित रहे.

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