बसपड़ाव का अतिक्रमण सड़क पर वाहन पड़ाव

डुमरांव : दो दशक पहले वर्ष 1992 में तत्कालीन मंत्री बसंत सिंह ने विधायक कोष से नगर में नया थाने के पास बसपड़ाव का उद्घाटन किया था. नगरवासियों को लगा था कि बसपड़ाव की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी, लेकिन नगर पर्षद व स्थानीय प्रशासन की उदासीनता से बसपड़ाव अतिक्रमणकारियों के कब्जे में होकर रह गया. […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 6, 2015 12:09 PM
डुमरांव : दो दशक पहले वर्ष 1992 में तत्कालीन मंत्री बसंत सिंह ने विधायक कोष से नगर में नया थाने के पास बसपड़ाव का उद्घाटन किया था. नगरवासियों को लगा था कि बसपड़ाव की सुविधा उपलब्ध हो जायेगी, लेकिन नगर पर्षद व स्थानीय प्रशासन की उदासीनता से बसपड़ाव अतिक्रमणकारियों के कब्जे में होकर रह गया.
नगरपालिका से नगर पर्षद का दर्जा प्राप्त करनेवाला नगर पर्षद क्षेत्र में बसपड़ाव का उद्घाटन होने के बाद बस कुछ ही दिनों तक पड़ाव पर लगी. उसके कुछ ही दिन बाद डुमरांव-बिक्रमगंज पथ व्यापार मंडल के सामने और सफाखाना मोड़ के पास अवैध रूप से बसें रूकने लगीं, जिससे स्टेशन रोड में हमेशा जाम का नजारा देखने को मिल रहा है. बता दें एनएच 84 व एनएच 30 को जोड़नेवाले मार्ग में वाहनों का परिचालन लगातार होता है. जहां बसपड़ाव की समुचित व्यवस्था के अभाव में बसों व अन्य वाहनों को सड़क पर रोकना पड़ता है. एक तरफ जाम और दूसरे तरफ यात्रियों की फजीहत ङोलनी पड़ती है. वहीं, नगर के लोग कहते हैं स्थानीय प्रशासन का नतीजा है बसपड़ाव पर अतिक्रमण.
सड़क बनी स्टैंड, लगता है जाम
डुमरांव-बिक्रमगंज पथ स्टेशन रोड में व्यापार मंडल, सफाखाना मोड़ व राज अस्पताल के पास अवैध रूप से बसों के रूकने से प्रत्येक घंटे जाम का नजारा देखने को मिलता है. सड़क की दोनों ओर ठेला चालकों की भरमार रहती है, जिससे आम लोगों को पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है.
क्या कहते हैं थानाध्यक्ष
थानाध्यक्ष राघव दयाल कहते हैं कि राज अस्पताल के पास जाम की समस्या से निबटने को लेकर दो जवानों को तैनात किया गया है.
क्या कहते हैं कार्यपालक
कार्यपालक अजीत कुमार कहते हैं कि अतिक्रमण की समस्या पूरे नगर में है. बस पड़ाव भूखंड को जल्द अतिक्रमण मुक्त कराया जायेगा़

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