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दोहरे हत्याकांड का आरोपित छह माह से है पुलिस की पकड़ से बाहर

बक्सर : दोहरे हत्याकांड का आरोपित संदीप यादव विगत छह माह से पुलिस की पकड़ से बाहर है. संदीप ने सितंबर 2014 में इटाढ़ी के रंजीत ओझा की हत्या की. फिर पांच दिसंबर को दिन दहाड़े पूर्व पैक्स अध्यक्ष चिंताहरण ओझा उर्फ कुड़कुड़ ओझा की हत्या कर दी. इसके बाद से ही आरोपित संदीप यादव […]

बक्सर : दोहरे हत्याकांड का आरोपित संदीप यादव विगत छह माह से पुलिस की पकड़ से बाहर है. संदीप ने सितंबर 2014 में इटाढ़ी के रंजीत ओझा की हत्या की. फिर पांच दिसंबर को दिन दहाड़े पूर्व पैक्स अध्यक्ष चिंताहरण ओझा उर्फ कुड़कुड़ ओझा की हत्या कर दी.
इसके बाद से ही आरोपित संदीप यादव फरार चल रहा है. पुलिस ने इसकी गिरफ्तारी के लिए कई बार छापेमारी भी की, जिसमें कुछ अपराधियों की गिरफ्तारी तो हुई, लेकिन संदीप हाथ नहीं आया. इस वर्ष आठ जनवरी को इटाढ़ी थाना क्षेत्र के चिलबिल गांव में संदीप के छुपने की सूचना मिली थी. पुलिस ठिकाने तक भी पहुंच गयी, लेकिन संदीप को इसकी भनक मिली और ऐन वक्त पर पुलिस पर फायरिंग करते बच निकला. संदीप को आश्रय देने में एक सफेदपोश की भी भागीदारी सामने आयी थी.
अब तक हो चुका लाखों का खर्च : पुलिस के अनुसार संदीप निजी दुश्मनी को लेकर चिंताहरण ओझा और उसके पुत्र रंजीत ओझा की हत्या की है.
अब इस परिवार में मात्र एक सदस्य सर्वजीत ओझा बचा है, जिसकी सुरक्षा के लिए पुलिस ने एक बिहार पुलिस का जवान को लगा रखा है. इतना ही नहीं सर्वजीत के चाचा और उसके एक अन्य रिश्तेदार को भी संदीप के भय से एक-एक जवान सुरक्षा में मुहैया कराये गये हैं. ऐसे में सरकार का एक माह में तीन व्यक्तियों की सुरक्षा में करीब 90 हजार रुपये का खर्च आ रहा है. इस तरह अब तक तीन माह में करीब दो लाख 70 हजार से अधिक की राशि सिर्फ इन तीनों की सुरक्षा में पुलिस का खर्च हो चुका है और अभी आगे जारी है. फिर भी संदीप को पकड़ने के लिए पुलिस कोई ठोस कदम नहीं उठाई. सवाल यह है कि यदि जिले में अपराधी हत्या करने के बाद ऐसे ही पुलिस की पकड़ से बाहर रहें, तो सुरक्षा के लिए किस-किसको बिहार पुलिस का जवान दिया जायेगा.
जल्द गिरफ्तारी की पुलिस कर रही दावा : पुलिस सूत्रों के अनुसार संदीप फिलहाल बक्सर से बाहर है. सूत्र बताते हैं कि मुफस्सिल थाना क्षेत्र का एक फरार अपराधी लंका यादव के साथ है, लेकिन अब तक इनके ठिकाने का पता नहीं चल पाया है. दोनों की तलाशी सरगरमी से चल रही है. इस मामले में बलिया और गाजीपुर की पुलिस प्रशासन भी इनकी गिरफ्तारी में लगी हुई है, लेकिन अब तक संदीप गिरफ्तार नहीं हो पाया. गिरफ्तारी नहीं होने से चिंताहरण ओझा के पुत्र सर्वजीत ओझा और अन्य की जान खतरे में है. एसपी के अनुसार इन पर इनाम की घोषणा की जायेगी. तब कहीं सुराग मिल जाये और संदीप को गिरफ्तार किया जा सकेगा.
क्या कहते हैं एसपी
मुख्यालय में संदीप पर अवार्ड के लिए चिट्ठी भेजी गयी है. गाजीपुर और बलिया की पुलिस से बात हुई है. इसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी तेज की जायेगी. हर हाल में संदीप को पकड़ा जायेगा.
उपेंद्र कुमार शर्मा, एसपी

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