उस्ताद की पैतृक जमीन मिले, तो बनेगा म्यूजियम

डुमरांव : क्या शहनाई का नाम सुने हैं आप. बच्चों ने कहा हां. डीएम-कैसा होता है. बच्चे बांसुरी जैसा. यह वाकया भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के पैतृक भूमि पर पहुंचे डीएम रमण कुमार और उपस्थित बच्चों के बीच हुई. शनिवार को भारत रत्न शहनाई उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के 100 वें जन्मदिवस पर उनके पैतृक […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | March 22, 2015 2:07 AM

डुमरांव : क्या शहनाई का नाम सुने हैं आप. बच्चों ने कहा हां. डीएम-कैसा होता है. बच्चे बांसुरी जैसा. यह वाकया भारत रत्न उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के पैतृक भूमि पर पहुंचे डीएम रमण कुमार और उपस्थित बच्चों के बीच हुई. शनिवार को भारत रत्न शहनाई उस्ताद बिस्मिल्लाह खां के 100 वें जन्मदिवस पर उनके पैतृक आवास पर डीएम श्री कुमार पहुंचे. इस दरम्यान कई लोगों से महात्मा गांधी, डॉ एपीजे अब्दुल कलाम, चंद्रेशखर का नाम पूछने के बाद बिस्मिल्लाह खां के नाम के बारे में डीएम ने बच्चों से पूछा. शहनाई वादक के खंडहरनुमा पैतृक आवास पर डीएम ने पहुंच कर मुहल्लेवासियों सहित कई बुद्धिजीवियों व गण्यमान्य लोगों से मिल कर कई बिंदुओं पर चर्चा की. डीएम ने कहा कि अगर पैतृक भूमि परिवारवाले देने को तैयार हो जाएं, तो इस पर म्यूजियम और सभागार बन सकता है. उन्होंने कहा कि अगर पैतृक भूमि नहीं मिलती है, तो सरकारी जमीन चिह्न्ति कर उस पर बिस्मिल्लाह खां के नाम पर सभागार व म्यूजियम का निर्माण कराया जायेगा.

मौजूद भूमि का देखभाल करनेवाले सुल्तान मियां ने कहा कि अगर भूमि बिक्री होती है, तो मैं लेने को तैयार हूं. इसके लिए हमें चंदा क्यों न करना पड़े, लेकिन उस्ताद की पैतृक जमीन व उनकी विरासत को संवारने के प्रयासरत रहूंगा. डीएम रमण कुमार ने कहा कि अप्रैल तक देखते हैं, अगर परिवारवाले जमीन देने को तैयार होते हैं, तो उनके जन्मस्थली पर ही म्यूजियम और सभागार का निर्माण होगा. उन्होंने बिहार दिवस के मौके पर बिस्मिल्लाह खां के नाम पर कार्यक्रम कराने की बात कही. श्री कुमार ने कहा कि इनके शताब्दी वर्ष में प्रवेश को लेकर जल्द ही फोटो प्रदर्शनी और उस्ताद बिस्मिल्लाह खां स्मृति में एक व्याख्यान आयोजित किया जायेगा. उपस्थित लोगों ने बताया कि यह जमीन उस्ताद के दोनों बेटे और दोनों बेटियों के नाम है.

जबकि मुहल्ले के कई लोगों ने कहा कि इनके जन्मदिवस और पुण्यतिथि जब आती है, तब प्रशासनिक तंत्र इनके जन्मस्थली डुमरांव की ओर जरूर रुख करते हैं. उसके बाद के लिए मामला ठंडे बस्ते में चला जाता है. अब देखना यह है कि 2015 में इनके पुण्यतिथि तक इनके नाम पर पहल होता है या फिर मुहल्लेवासियों का वाकया सही होता है. इस दरम्यान डीएम ने रास्ते में एक पीडीएस दुकान की जांच भी की. मौके पर एसडीओ प्रमोद कुमार, सीओ अमरेंद्र कुमार, सीपीआइ नेता सत्य नारायण प्रसाद, अधिवक्ता मो़ इजहार, मो शमीम अंसारी, जदयू नेता नथुनी प्रसाद खरवार आदि मौजूद थे.

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