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मार्च महीने का राशन गायब बाजार मूल्य पर पैसे की मांग

जिला प्रशासन को राशन के बदले देने होंगे लगभग छह करोड़ 97 लाख 20 हजार रुपये बक्सर : राज्य खाद्य निगम की लापरवाही के कारण मार्च महीने का राशन लैप्स कर गया. लैप्स के बाद बाजार मूल्य पर उपभोक्ताओं को राशन के बदले राशि देने का प्रावधान है. बावजूद इसके अब तक जिला प्रशासन ने […]

जिला प्रशासन को राशन के बदले देने होंगे लगभग छह करोड़ 97 लाख 20 हजार रुपये
बक्सर : राज्य खाद्य निगम की लापरवाही के कारण मार्च महीने का राशन लैप्स कर गया. लैप्स के बाद बाजार मूल्य पर उपभोक्ताओं को राशन के बदले राशि देने का प्रावधान है.
बावजूद इसके अब तक जिला प्रशासन ने राशि देने की कोई पहल नहीं की है. इसके पूर्व में भी उपभोक्ता राशन लेने के लिए कई बार जन वितरण प्रणाली की दुकानों का चक्कर लगा कर थक चुके हैं. जिले में करीब छह लाख 80 हजार सामान्य उपभोक्ताओं को हर महीने राशन दिया जाता है. वहीं, करीब 20 हजार अति गरीब उपभोक्ता शामिल हैं.
बाजार मूल्य पर राशि देने का है प्रावधान
एक सामान्य उपभोक्ता को बाजार मूल्य पर राशन के बदले करीब 84 रुपये न्यूनतम राशि जिला प्रशासन को देनी होगी. 84 रुपये इस लिए की एक सामान्य उपभोक्ता को महीने में तीन किलो चावल मिलता, अगर 20 रुपये प्रति किलो की दर से चावल का रेट मिलता है, तो 60 रुपये हुआ. वहीं, दो कलो गेहूं देने का प्रावधान है. गेहूं अगर 12 रुपये प्रति किलो के दर से दिया जाता है, तो दो किलो गेहूं का दाम 24 रुपये हुआ.
वहीं, अंत्योदय का अनाज लेनेवाले अति गरीब एक उपभोक्ता को 588 रुपये न्यूनतम राशि का भुगतान करना होगा. इस तरह सामान्य उपभोक्ताओं पर जिला प्रशासन को राशन के बदले राशि देने में करीब पांच करोड़ 79 लाख 60 हजार रुपये खर्च करने पड़ेंगे. जबकि अंत्योदय के तहत अनाज लेनेवाले उपभोक्ताओं के बीच करीब एक करोड़ 17 लाख 60 हजार रुपये की राशि की वितरित करनी होगी, लेकिन, यह राशि उपभोक्ताओं को कब और कैसे मिलेगी. यह अभी तक तय नहीं हो पाया है.
डीलरों ने मांगा पैसे का सूद
इधर, डीलरों ने जिला प्रशासन से मार्च महीने में अनाज उठाव के लिए जमा किये गये पैसे पर सूद की मांग की है. डीलरों का कहना है कि खाद्य निगम ने उनके पैसे को दो माह तक बैंक में रखा और फिर अनाज भी नहीं दिया. इस तरह पिछले महीने उन्हें उपभोक्ताओं को दिये जानेवाले राशन पर कमीशन भी नहीं मिला और पैसे को बैंक में रखा गया. डीलरों ने खाद्य निगम से राशि सहित सूद की मांग की है.
कितना मिलता है अनाज
पीएचसी के प्रति उपभोक्ता को दो किलो गेहूं व तीन किलो चावल मिलता है. वहीं, अंत्योदय को प्रति उपभोक्ता 14 किलो गेहूं व 21 किलो चावल दिया जाता है. चावल और गेहूं क्रमश: तीन रुपये व दो रुपये की दर से मिलता है.
डीलरों ने दिया धरना
डीलर एसोसिएशन के नेता कृष्ण चौबे के नेतृत्व में राजपुर के तियरा बाजार में गुरुवार को खाद्य निगम के विरोध में धरना दिया गया. धरना के माध्यम से डीलरों ने आवंटन के लिए बैंक में रखे पैसे पर सूद की मांग की है. वहीं, मार्च महीने में उपभोक्ताओं को राशन नहीं दिये जाने पर राशन के बदले बाजार मूल्य पर उपभोक्ताओं को अनाज देने के लिए राशि की भी मांग की है. उन्होंने बताया कि राशन नहीं देने पर लाभुकों को बाजार मूल्य पर पैसे देने का प्रावधान है.
अप्रैल का मिलेगा अनाज
चार से पांच दिनों में अप्रैल महीने का अनाज उपभोक्ताओं को मिलेगा. जिले के साढ़े आठ सौ जन वितरण प्रणाली की दुकानदारों द्वारा शुक्रवार को अनाज उठाव का कार्य शुरू हो जायेगा. इसके बाद उपभोक्ताओं को अप्रैल महीने का राशन मिलेगा. पिछले महीने का अनाज लैप्स होने से उपभोक्ताओं में निराशा है.
बक्सर जिले में करीब छह लाख 80 हजार हैं पीएचएस उपभोक्ता, 20 हजार हैं अंत्योदय
मार्च महीने का राशन नहीं मिलने से जिले की गरीब जनता जैसे-तैसे कर के समय गुजार रही है. करीब सात लाख की संख्या में सरकार द्वारा मिलनेवाली इस राशन योजना से लोग जुड़े हैं. वहीं, राशन का आवंटन नहीं होने से जिले के जन वितरण प्रणाली के डीलर भी परेशान हैं. डीलरों का कहना है कि अधिकारी दो माह से बैंक में पैसा जमा करा लिए हैं और न अनाज मिल रहा है, न ही पैसे का सूद. वहीं, अप्रैल माह का राशन चार से पांच दिनों में आ जाने का अनुमान लगाया जा रहा है.

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