पीक आवर में गुल हो जा रही बिजली,बढ़ी परेशानी
19 मेगावाट विद्युत आपूर्ति की है जरूरत, मिलता है 14 मेगावाट बक्सर : शहर में बिजली की स्थिति दिन में भले ही ठीक हो, लेकिन पीक आवर में आज भी विद्युत आपूर्ति बाधित हो जा रही है, जिसके कारण लोगों और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है. वहीं, कम आपूर्ति होने के कारण […]
19 मेगावाट विद्युत आपूर्ति की है जरूरत, मिलता है 14 मेगावाट
बक्सर : शहर में बिजली की स्थिति दिन में भले ही ठीक हो, लेकिन पीक आवर में आज भी विद्युत आपूर्ति बाधित हो जा रही है, जिसके कारण लोगों और व्यावसायिक उपभोक्ताओं को काफी परेशानी हो रही है.
वहीं, कम आपूर्ति होने के कारण पीक आवर में लोड बढ़ जाता है, जिससे लो वोल्टेज की समस्या से लोगों को जूझना पड़ रहा है. लो वोल्टेज होने पर बिजली रहते हुए भी उपभोक्ता कोई काम नहीं कर पाते. यहां तक की गरमी में राहत पाने के लिए लोग विद्युत पंखा भी नहीं चला पा रहे हैं. पंखा, कुलर सभी घरों में रखे-रखे बेकार हो रहे हैं. ऐसे में लोगों को बिजली से कोई फायदा महसूस नहीं हो रहा है. आखिरकार लोग हाथ पंखा ङोल कर ही गरमी से राहत पा रहे हैं.
संध्या पांच से ग्यारह के बीच रहता है पीक आवर : पिक आवर में 19 मेगावाट विद्युत की आवश्यकता है, लेकिन शहरवासियों को फिलहाल 14 मेगावाट बिजली की आपूर्ति की जा रही है.
यहीं आपूर्ति पीक आवर में भी जारी रहती है. यदि इटाढ़ी से 14 मेगावाट से अधिक विद्युत आपूर्ति शुरू होती है, तो चरित्रवन स्थित पावर ग्रिड में लगे मशीन ट्रिप करना शुरू कर देते हैं, जिसके कारण विद्युत आपूर्ति ठप हो जाती है. ऐसे में चाह कर भी विद्युत आपूर्ति को पीक आवर में बढ़ाया नहीं जा सकता. शहर का पीक आवर शाम पांच बजे से रात 11 बजे तक का होता है. इस समय आटा चक्की, बाजार में खरीदारों की भीड़, साइबर कैफे में अत्यधिक काम आदि होते रहता है.जिले में 70 की आवश्यकता, मिल रही 60 मेगावाट बिजली : जिले में 60 मेगावाट विद्युत की आवश्यकता है.
जिले को इतनी बिजली मिल भी जाती है, लेकिन, पीक आवर में 70 मेगावाट बिजली की आवश्यकता है, जो नहीं मिल पाती. ऐसे में यह समस्या केवल शहरी इलाकों की नहीं हैं, बल्कि ग्रामीणों इलाकों में भी इस बना हुआ है. शहरी क्षेत्र में दुकानदार या लोगों ने पीक आवर में जेनेरेटर की सुविधा भाड़े पर ले रखी है, लेकिन यह सुविधा ग्रामीण इलाकों में नहीं है. गरमी में लोड बढ़ जाने से इनवर्टर भी डिस्चार्ज रहता है, जिससे परेशानी बनी रहती है.
क्या कहते हैं एसडीओ
एसडीओ अभिषेक कुमार ने कहा कि पावर ट्रांसमिशन के अधिकृत लोगों ने उच्च विभाग से बातचीत की है. विभाग इस पर गंभीर है. पहले से विद्युत व्यवस्था में काफी सुधार आया है. शीघ्र ही पीक आवर की समस्या भी हल हो जायेगी. आवश्यकता के अनुसार विद्युत आपूर्ति की जा रही है.