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भैंस को बचाने में पलटी थी बस,रामपुर में मातम

एक भैंस काल बन कर सड़क पर आयी और रामपुर गांव के पांच लोगों को मौत की नींद सुला खुद भी बस के धक्के से जख्मी हो मर गयी. शनिवार की रात रामपुर गांव के लोगों के लिए काल की रात साबित हुई. एक साथ रविवार की सुबह रामपुर गांव में पांच लाशें सदर अस्पताल […]

एक भैंस काल बन कर सड़क पर आयी और रामपुर गांव के पांच लोगों को मौत की नींद सुला खुद भी बस के धक्के से जख्मी हो मर गयी. शनिवार की रात रामपुर गांव के लोगों के लिए काल की रात साबित हुई.
एक साथ रविवार की सुबह रामपुर गांव में पांच लाशें सदर अस्पताल से पोस्टमार्टम करा कर पहुंची. शवों के पहुंचने के बाद गांव में चीत्कार और आसपास के क्षेत्र में मातमी सन्नाटा पसर गया. बस के खलासी लाला की मौत तो लोगों को झझकोर कर रख दिया है.लाला की तीन पुत्रियां हैं और एक बेटा. बूढ़ी मां और पत्नी की देखभाल लाला की कमाई से चलता था. हर कोई यही बात कहता था कि अब कैसे इस परिवार का भरण-पोषण होगा. भगवान ने यह क्या कर दिया.
चौसा, बक्सर : शनिवार की मध्य रात्रि में निकृष गांव के पास बस पलटने से रामपुर गांव के पांच लोगों की मौत से पूरे गांव में मातम का माहौल बना हुआ है. रामपुर गांव में रविवार को दिन भर सन्नाटा पसरा रहा और इस दर्दनाक घटना की खबर सुन कर आस-पास के गांवों में भी दिन भर चर्चा होती रही. रामपुर गांव के बूढ़े-बच्चे सभी के चेहरों पर गमगीन साया छाया हुआ नजर आ रहा था. रविवार को रामपुर गांव के अधिकांश घरों में चूल्हे तक नहीं जले.
अब के देखी बबुअन के : अब के बबुअन के संभाली, कई हम रहब को भगवान कह कर अचानक चुप हो फिर अब के केकरा संगे जिंदगी बीताआईब हो राम. इतना कह कर फिर बेसुध हो जाती पारूल देवी को देख वहां मौजूद सभी लोगों की आंखों से आंसू निकल जा रहा था.
यह मंजर निकृष गांव के पास बस दुर्घटना में मारे गये बस के खलासी घनश्याम लाल उर्फ राजीव रंजन लाल उर्फ लाला खलासी की पत्नी पारूल देवी का था. आसपास की औरतें उसे ढाढ़स तो बंधा रही थीं, लेकिन उनकी भी आंखें नम थीं. लाला खलासी की बेटी काजल कुमार नौ वर्ष, बेटी आंचल कुमारी सात वर्ष, लवली कुमारी पांच वर्ष, तीन पुत्री व तीन साल का बेटा रोहित है.
बूढ़ी मां मीना श्रीवास्तव, पत्नी व चार बच्चों का पालन-पोषण लाला की ही कमाई से होता था. बूढ़ी मां, पत्नी व बच्चों का सहारा ही छीन गया. इसी बातों को महसूस कर गांव व आसपास के लोग भी काफी मर्माहत थे. दिन भर बस में ड्यूटी कर शाम को जब घर आता था, तो घर में भोजन की तैयारी होती थी. परिवार पर खासकर लाला की पत्नी यही सोच कर बार-बार बेहोश हो जाती थी. गांव के सभी लोग लाला की मौत से काफी आहत व मर्माहत नजर आये.
इंटर कला संकाय में अमित आया था प्रथम
चौसा, बक्सर : बस दुर्घटना में मरनेवाले रामपुर गांव के अमित राय उर्फ चिंटू राय की विधवा मां रोते-रोते बेसुध हो जा रही थी. मां को क्या पता था कि जो बेटा इंटर कला संकाय में प्रथम श्रेणी से उत्तीर्ण होकर इतना खुश हो रहा है, उसकी खुशी बस कुछ घंटों की है.
रामपुर गांव में अमित के घर पर लोगों की भीड़ लगी हुई थी और चेहरा काफी गमगीन था, तभी घर के अंदर इसकी विधवा माता सरोज कुंवर बचवा ई का हो गइल कह कर अचानक बेहोश हो बेसुध हो जा रही थीं और बेटा के गम में रो-रोकर पागल जैसे हो गयी थीं.
आसपास की महिलाएं उन्हें सांत्वना दे रही थीं. उधर इस दुर्घटना में बगल के ही ज्ञानेंद्र राय का 22 वर्षीय पुत्र अखिलेश राय उर्फ पंडित की भी मौत हो जाने से पूरे परिवार में कोहराम मचा हुआ था. जिस घर के लोग इस दुर्घटना में मारे गये थे. सभी घरों में कोहराम मचा हुआ था. पूरा रामपुर गांव में मातमी माहौल बना हुआ है.
घटना के दो घंटे बाद पहुंची पुलिस : बस पलटने की सूचना मिलने करीब दो घंटे बाद पुलिस प्रशासन के घटना स्थल पर पहुंचने से स्थानीय ग्रामीणों में काफी रोष देखा गया. ग्रामीणों का कहना था कि अगर बस बस्ती से दूर पलटती तो मरनेवालों की संख्या बढ़ भी सकती थी. बस पलटने की तेज आवाज सुन कर नींद में सोये सभी गांव के लोगों ने काफी तत्परता दिखाते हुए बस में दबे घायल लोगों को बाहर निकल कर उन्हें बचाया, लेकिन पुलिस प्रशासन को सूचना के काफी देर बाद घटना स्थल पर आना काफी नागवार लग रहा था. एंबुलेंस भी करीब ढाई घंटे बाद घटनास्थल पर पहुंची.
बस में सवार यात्रियों ने बताया कि बस चालक बक्सर से ही काफी तेज रफ्तार में बस चला रहा था. अगर बस की स्पीड सामान्य रहती, तो बस पलटने से बच सकती थी. घटना के समय बस चालक कूद कर भाग निकला.

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