बक्सर/सिमरी : रामरेखा घाट पर आद्रा नक्षत्र के अंतिम दिन सोमवार को हजारों श्रद्धालुओं ने गंगा में स्नान किया और दान-पुण्य किया. जिले के ग्रामीण क्षेत्रों से भी बड़ी संख्या में लोग गंगा स्नान को आये थे. रामरेखा घाट, गोला घाट समेत अन्य कई घाटों पर श्रद्धालुओं की भीड़ स्नान करने के लिए जुटी थी. सोमवार की रात 1.44 मिनट पर आद्रा नक्षत्र समाप्त हो जायेगा.
वहीं, सिमरी से मिली जानकारी के अनुसार सोमवार को आद्रा नक्षत्र उतरने के साथ ही इंद्र भगवान ने खुश होकर किसानों पर अपनी रहमत बरसायी दी. खेतों में लगये गये बिचड़ों बारिश होने से जान आ गयी. रात भर बारिश होने से जमीन की गरमी समाप्त होकर अंकुरण लायक जमीन हो गयी.
आद्रा नक्षत्र का क्या है पौराणिक मान्यता : आद्रा नक्षत्र के बारे में व्यास पीठ आचार्य श्रीकृष्णानंद जी पौराणिक उर्फ शास्त्री जी कहते हैं कि आद्रा नक्षत्र 27 नक्षत्रों में सबसे उत्तम माना जाता है.
आद्रा नक्षत्र को चंद्रमा की पत्नी और भगवान विष्णु की भी पत्नी के रूप में इसे देखा जाता है. कहते हैं ग्रीष्म ऋतु के बाद जब पृथ्वी सूखी होती है और 84 लाख योनि के प्राणी पानी बिना बेहाल रहते हैं, वैसे में आद्रा नक्षत्र का पानी वरदान के रूप में होता है और आद्रा नक्षत्र के 15 दिनों के अंदर जो बरसात होती है, उससे विश्व की 84 लाख योनियों की मनोकामना पूर्ण हो जाती है. आद्रा नक्षत्र में मान्यता है कि खीर-पूड़ी के साथ लोग आम के मौसमी ताजा फल का सेवन कर के अपने पापों से मुक्ति पाते हैं.
आद्रा स्नान करने गयी वृद्ध महिला डूबी, नहीं मिला शव : बक्सर. रामरेखा घाट स्थित आद्रा नक्षत्र में ग्रामीण इलाके से आयी एक वृद्ध महिला की डूब कर मौत हो गयी. स्नान कर रही अन्य श्रद्धालु महिलाओं द्वारा उसे बचाने का भरपूर प्रयास किया गया, लेकिन उसे बचाया नहीं जा सका. डूबने की सूचना के बाद घाट पर पहुंचे गोताखोरों ने महिला को काफी खोजने का प्रयास किया, लेकिन वह मिल नहीं पायी.