नॉनबैंकिंग का धंधा जारी

सरकार की तमाम बंदिशों के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में नान बैकिंग कंपनियों का धंधा बेरोक टोक जारी है. इन कंपनियों में काम करने वाले एजेंट लोगों को तीन से साढ़े चार साल में धन दुगुना और सात से आठ साल में चार गुना होने का लालच देकर ग्रामीणों को ठगी का शिकार बना रहे हैं.साथ […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 11, 2013 10:28 PM

सरकार की तमाम बंदिशों के बावजूद ग्रामीण क्षेत्रों में नान बैकिंग कंपनियों का धंधा बेरोक टोक जारी है. इन कंपनियों में काम करने वाले एजेंट लोगों को तीन से साढ़े चार साल में धन दुगुना और सात से आठ साल में चार गुना होने का लालच देकर ग्रामीणों को ठगी का शिकार बना रहे हैं.साथ ही एक साल तक बचत खाते में राशि जमा करने पर 12 से 20 प्रतिशत का लाभ देने का वायदा करते हैं. धनसोई क्षेत्र में कोलकाता वायर इंडस्ट्रीज लिमिटेड और इनोर्मस ग्रुप ऑफ कंपनिज सहित अन्य ग्रुप सक्रिय हैं. ये ननबैकिंग कंपनियां गांवों में जाकर पढ़े लिखे ऐसे व्यक्ति को अपना एजेंट बनाती हैं, जिसे देख कर ग्रामीण अपना पैसा विश्वास के साथ निवेश कर सके. उक्त कंपनियों के एजेंट फिक्स डिपॉजिट करवाने पर विशेष जोर ग्राहकों पर देते हैं, क्योंकि इसके बदले उन्हें भी मोटा कमीशन मिलता है. सेबी के निर्देशानुसार ऐसे नॉन बैकिंग कंपनियों में निवेश करने पर हमेशा जोखिम भरा काम है. निवेशक को ऐसे स्कीमों से हमेशा दूरी बनाना चाहिए.

उल्लेखनीय कि पूर्व के वर्षो में भी आस्कामिनी, हेलियस, भेरोना, सोन कमर्शियल आदि नॉन बैकिंग ग्रुप जनता के करोड़ों रुपये लेकर फरार हो चुकी है. आम आदमी अपनी मेहनत की गाढ़ी कमाई का एक -एक रुपया अपने भविष्य को सवारने के लिए संजोता है, लेकिन नॉनबैकिंग के चक्क्र में अपना सब कुछ लुटा कर पछताने के अलावा उसके पास कोई दूसरा विकल्प नहीं बच जाता है. इस संबंध में राजपुर के प्रखंड विकास पदाधिकारी मोतीकुमार दिनकर ने कहा कि यदि कोई उपभोक्ता नॉन बैकिंग कंपनियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराता है, तो उस पर प्रशासन गंभीरता के साथ कार्रवाई करेगी.

उन्होंने बताया कि वैसे प्रशासन ऐसी कंपनियों की गतिविधियों पर नजर रख रही है.

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