गांव छोड़ कर आये शहर में, पर यहां भी है पानी

बक्सर : नगर के वार्ड नंबर 32 स्थित नयी बस्ती काली नगर के लोग जलजमाव की वजह से नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. बस्ती के दो सौ घरों में रहनेवाली लगभग 15 सौ की आबादी बुरी तरह त्रस्त है. बस्ती में जानेवाला कोइरपुरवा ढलाई रोड से पानी टंकी के पास से गुजरनेवाला कच्ची मार्ग […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 21, 2015 1:46 AM

बक्सर : नगर के वार्ड नंबर 32 स्थित नयी बस्ती काली नगर के लोग जलजमाव की वजह से नारकीय जीवन जीने को मजबूर हैं. बस्ती के दो सौ घरों में रहनेवाली लगभग 15 सौ की आबादी बुरी तरह त्रस्त है. बस्ती में जानेवाला कोइरपुरवा ढलाई रोड से पानी टंकी के पास से गुजरनेवाला कच्ची मार्ग पानी में डूब गया है.

इसी मार्ग से पढ़नेवाले बच्चे गुजरते हैं वे आने-जाने के क्रम में फिसल कर प्रति दिन गिर जाते हैं. लोग अपने घरों से ज्यादा जरूरी होने पर ही निकल रहे हैं. पानी में गंध की वजह से लोगों के पैर की अंगुलियां सड़न लगीं हैं.

क्या है समस्या : नगर के कोइरपुरवा मुहल्ला, खलासी मुहल्ला, सोहनीपट्टी स्थित महिपाल पोखरा तक का पानी आकर नयी बस्ती कालीवाले के निचले इलाके में जमा होता है. इससे काली मंदिर इलाके के करीब दो सौ घरों के बाहर-बाहर जलजमाव हो गया और बाढ़ सा दृश्य दिख रहा है. एक तरफ बाइपास रोड ऊंचे होने की वजह से जल निकासी की व्यवस्था नहीं है.

फैल सकती है बीमारी : नगर के कई मुहल्लों का वर्षा का पानी बह कर काली नगर में ही जमा होता है. पानी के साथ ही गंदगी भी आ कर जम गया है, जो सड़ कर अब बदबू दे रहा है तथा पानी का रंग भी काला पड़ गया है. अब इस इलाके के पानी का निकास यदि नहीं होता है, तो महामारी की समस्या उत्पन्न हो सकती है. इससे श्वास संबंधी बीमारी के साथ डायरिया, मलेरिया आदि की बीमारी की संभावना बढ़ गयी है.

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