उपभोक्ता फोरम में बंदरों ने किया हमला

बक्सर, कोर्ट : बक्सर समाहरणालय के मुख्य द्वार पर बने जिला उपभोक्ता फोरम में गुरुवार को उस वक्त अजीब स्थिति बन गयी, जब अचानक बंदरों के एक दल ने फोरम पर हमला कर दिया. उस वक्त इजलास भवन में मामले की सुनवाई की जा रही थी, तभी अचानक फोरम के कर्मचारी बाहर से तेजी के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 27, 2015 11:55 PM
बक्सर, कोर्ट : बक्सर समाहरणालय के मुख्य द्वार पर बने जिला उपभोक्ता फोरम में गुरुवार को उस वक्त अजीब स्थिति बन गयी, जब अचानक बंदरों के एक दल ने फोरम पर हमला कर दिया.
उस वक्त इजलास भवन में मामले की सुनवाई की जा रही थी, तभी अचानक फोरम के कर्मचारी बाहर से तेजी के साथ भागते हुए इजलास भवन में आकर अपने को सुरक्षित किये. उनके पीछे बंदरों का उग्र दल तेजी के साथ अंदर आ धमका. कर्मचारियों ने ताबड़तोड़ दरवाजे को बंद कर अपने को सुरक्षित किया.उस वक्त उपभोक्ता न्यायालय में सेवानिवृत्त अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश सह अध्यक्ष जिला उपभोक्ता फोरम नारायण पंडित मामले की सुनवाई कर रहे थे.
अचानक हुए इस हमले में कुछ देर तो लोगों को कुछ समय में ही नहीं आया कि मामला क्या है. बंदरों का उत्पात बाहर के बरामदे में देर तक होता रहा. ऐसे में मामले की सुनवाई बंद दरवाजे में की गयी. बंदरों के उत्पात के कारण अधिवक्ता न न्यायालय से बाहर जा रहे थे और न ही अंदर आ पा रहे थे. बाद में सामूहिक रूप से लोगों ने डंडे के सहारे बंदरों को भगा कर आना-जाना शुरू किया.
हालांकि उनका दहशत दिन भर बना रहा. बताते चलें कि बंदरों के उत्पात के कारण व्यवहार न्यायालय, समाहरणालय, उपभोक्ता फोरम के आसपास के क्षेत्रों में लोगों को काफी परेशानी उठानी पड़ रही है. गौरतलब हो कि विगत एक महीने में बक्सर व्यवहार न्यायालय में बंदरों ने कई लोगों को बुरी तरह से काट कर जख्मी कर दिया है, जिसमें एक अधिवक्ता के कान को काट कर शरीर से अलग फेंक दिया था.
सीसी टीवी कैमरा भी तोड़ा बंदरों ने : बंदरों के उत्पात के चलते ही सुरक्षा के लिए व्यवहार न्यायालय के मुख्य द्वार पर लगाये गये सीसी टीवी कैमरा टूट चुका है तथा उसके जगह पर भवन के ऊपरी हिस्से में लगे कैमरे से काम चलाया जा रहा है. गौरतलब हो कि सुरक्षा को लेकर बक्सर व्यवहार न्यायालय काफी संवेदनशील हो चुका है. ऐसे में बंदर अब एक नयी समस्या के रूप में दिखायी दे रहे हैं.
इस संबंध में अधिवक्ताओं द्वारा बार-बार वन विभाग से इनके नियंत्रण के लिए मांग की गयी है, लेकिन इसको लेकर अब तक कोई भी कार्रवाई नहीं की गयी. अधिवक्ता सह पत्रकार रामेश्वर प्रसाद वर्मा ने तत्काल उत्पाती हो चुके बंदरों पर अंकुश लगाने की मांग वन विभाग से की गयी है.

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