हुई तो हल्की, लेकिन धान के लिए दवा बन गयी बारिश
संवाददाता : बक्सर जिले रविवार की रात से ही रूक-रूक कर हो रही बारिश से आमजनों के साथ किसानों ने भी राहत की सांस ली है. हालांकि किसान इस पानी को महज दस दिनों के लिए राहत मान रहे हैं, तो वहीं, कृषि वैज्ञानिक ने धान व सब्जी फसल के लिए इस पानी को फायदा-ही-फायदा […]
संवाददाता : बक्सर जिले रविवार की रात से ही रूक-रूक कर हो रही बारिश से आमजनों के साथ किसानों ने भी राहत की सांस ली है. हालांकि किसान इस पानी को महज दस दिनों के लिए राहत मान रहे हैं,
तो वहीं, कृषि वैज्ञानिक ने धान व सब्जी फसल के लिए इस पानी को फायदा-ही-फायदा बता रहे हैं. वैज्ञानिकों के अनुसार इस बारिश से धान के रोग समाप्त हो जायेंगे.
जिले में औसत 50.6 प्रतिशत बारिश हुई है. जिले में धान के फसल पानी की कमी से सूखने लगे थे, लेकिन इस पानी से थोड़ी जान फसलों में आ गयी है. खेतों में पड़े दरारे हल्की बारिश से थोड़े गिले हो गये हैं. धानों में बालियों का गोभा लगना शुरू हो गया है.
ऐसी स्थिति में इंद्र भगवान समेत नहरों ने भी किसानों को दगा दे दिया था. निर्दयी मौसम ने रविवार को जिले के किसानों पर दया रूपी बारिश बरसा कर राहत तो दे दिया है, पर इससे किसान संतुष्ट नहीं हैं.
किसानों के अनुसार खेतों में दरारों के बीच बारिश की पानी काफी नहीं है. निचले भूमि में लगे फसल के लिए कुछ दिनों की राहत मिल गयी है. जिले में रविवार से शुरू हुई बारिश रात में रूक-रूक कर हुई एवं अहले सुबह तेज बारिश ने जिले के सभी हिस्से के खेतों को पानी से भींगे दिया.
क्या कहते हैं किसान डुमरांव प्रखंड के निरंजनपुर निवासी अरुण पासवान ने कहा कि भगवान ने धान के फसलों को दस से 15 दिनों के जीवन की मोहलत दे दी है.
इससे 10 दिन तक फसल और राहत महसूस कर सकते हैं. कनझरूआ पंचायत के किसान शिवजी सिंह ने कहा कि पंचायत में सुबह कुछ बारिश हुई है. मरते हुए धान की फसल को कुछ राहत मिली है. खेतों में गहरे दरार पड़े हैं, जिसको ज्यादा फायदा नहीं हुआ है.क्या कहते हैं
कृषि वैज्ञानिक औसत वर्षा 50.6 प्रतिशत हुई है. इस वर्षा से धान व सब्जी के फसलों को फायदा हुआ है. बारिश मध्यम गति की थी,
जिससे फसलों पर लगे कीड़े, मकोड़े, बीमारी एवं कीड़े संबंधित अन्य रोग समाप्त हो जायेंगे. फसलों के लिए फायदा-ही-फायदा है. जिन फसलों की बालियां निकलनेवाली हैं उन फसलों की बालियों में दाने भर जायेंगे तथा जिनकी बालियां धानों में लगनेवाली है, उसकी बालियां पुष्ट निकलेंगी. डॉ राम केवल, कृषि विज्ञान केंद्र के कृषि वैज्ञानिक