चौगाईं : एक तरफ जनप्रतिनिधि मलई बराज बनाने की सपना किसानों को वर्षों से दिखा रहे हैं, तो दूसरी तरफ प्रखंड के नलकूपों की स्थिति दयनीय है. प्रखंड के बनजरियां गांव में लगाया गया नलकूप वर्षों से बंद है.
नलकूप लगभग पचास साल से बंद पड़ा है, लेकिन जनप्रतिनिधियों का ध्यान वर्षों से नहीं गया है. लिहाजा इलाके में खेतों में सिंचाई की समस्या बन कायम हो चुकी है.
किसानों ने बताया कि 1965 में नलकूप लगाया गया था, लेकिन उसी समय से बंद है. जिसके चलते कोन्ही, बनजरियां, मुरार सहित आसपास के गांवों की सैकड़ों एकड़ जमीन की सिंचाई की समस्या बन चुकी है़ वहीं, खराब पड़े नलकूपों को आज तक दुरुस्त नहीं कराया गया़ ऐसे में किसान केवल अपने डीजल पंप के सहारे खेतों की सिंचाई करने को मजबूर हैं,
जो काफी महंगा साबित हो रहा है़ किसानों की मानें, तो जनप्रतिनिधियों के द्वारा केवल चुनाव के समय अपने आप को चमकाने के लिए मलई बराज की समस्या उठाते रहते हैं. वहीं, नलकूपों के बारे में जनप्रतिनिधि या विभागीय लोग कभी सोंचते ही नहीं, जिसके चलते किसानों की समस्या बनी ही रहती है.
किसानों ने बताया कि नलकूप चालू कराने के लिए विभाग के पास कई बार गुहार लगायी गयी, लेकिन किसी ने भी ध्यान नहीं दिया. मुरार के किसान गोविंद प्रसाद सिन्हा ने बताया कि नलकूप के बिजली का कनेक्शन भी हटा दिया गया है़ इसका मोटर भी कई सालों से खराब है़ चोरों ने बिजली का तार एवं खंभे की चोरी कर ली है.वैसे प्रखंड के सभी नलकूपों का हाल और भी दयनीय है.