बक्सर : शहर में लगे मोबाइल टावरों से नगर पर्षद को पर्याप्त कर/राजस्व नहीं मिल रहा है और आधे से अधिक मोबाइल टावर के संचालक कंपनियों ने निबंधन भी नहीं कराया है और न ही उसका कर ही भर रहे हैं. 49 टावरों में से मात्र जिले में 14-15 कंपनियों का निबंधन है. शेष मोबाइल टावरों का निबंधन आज तक नहीं हुआ है.
जिन मोबाइल कंपनियों ने पहले से निबंधन करा रखा है, उन कंपनियों का भी नवीनीकरण का काम नहीं हो सका है. इसके कारण नगर पर्षद को प्रतिमाह लाखों रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है. नगर पर्षद ने चुनाव से पहले मोबाइल टावर कंपनियों को नोटिस भेजने का काम किया था, पर चुनाव के कारण आदर्श आचार संहिता लग जाने से यह मामला ठंडे बस्ते में चला गया था.
चुनाव खत्म होने के बाद एक बार फिर नगर पर्षद ने अभियान चला कर मोबाइल टावरों को सील करने का मन बना लिया है और फिर दुबार चेतानवी पत्र बिना निबंधनवाली मोबाइल टावर कंपनियों को भेजी जा रही है. इस कार्रवाई से मोबाइल टावर के संचालक कंपनियों में खलबली मच गयी है. मोबाइल टावरों को सील करने के लिए नगर पर्षद ने एक टीम भी पिछले दिनों गठित की थी,
मगर टावरों को सील करने का काम को लंबित रखा गया और नीतिगत फैसला लिया गया कि टावरों को सील करने से पहले कंपनियों को नोटिस भेजी जाये और उसके बाद भी निबंधन नहीं कराने पर टावरों को सील कर दिया जायेगा.