बक्सर : अपराधियों की गोली से जख्मी अधिवक्ता प्रेम प्रकाश सिन्हा की मौत शुक्रवार 11 दिसंबर को हो गयी. अपराधियों ने अधिवक्ता को गोली इसलिए मारी थी कि वे अपनी बेटी के साथ हो रहे छेड़खानी का विरोध किये थे. प्राथमिकी दर्ज कराने से गुस्साये अपराधियों ने 27 नवंबर को दिनदहाड़े प्रेम प्रकाश को गोली मार दी थी. गोलीसांस नली के पास जाकर अटक गयी थी, जिसका बनारस में ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन के बाद अधिवक्ता के पैरसुन्न हो गये और काम करना बंद कर दिये, मगर चिकित्सकों ने उन्हें खतरे से बाहर बताया था.
लेकिन, शुक्रवार को ग्लोबल हॉस्पिटल बनारस में अधिवक्ता ने दम तोड़ दिया. अधिवक्ता की मौत से पूरा वकील समुदाय दुखी हो गया और हत्यारोपितों पर कार्रवाई की मांग को लेकर सड़क को जाम कर न्यायालय में नो वर्क के साथ-साथ समाहरणालय के दोनों सड़कों को बेंच लगा कर जाम कर दिया. विरोध के कारण अपराह्न दो बजे तक जिलाधिकारी समेत सभी अधिकारियों को अपने-अपने कक्षों में रहना पड़ा. आनन-फानन में जिला जज, सीजेएम, जिलाधिकारी और एसपी को रणनीतियां बनानी पड़ीं, जिसके बाद अधिकारियों ने अधिवक्ताओं को मनाने की कोशिश की, मगर मुआवजा की राशि और आश्रित को सरकारी नौकरी पर तत्काल फैसला नहीं हो पाने के कारण अधिवक्ताओं का विरोध कायम रहा.
आनन-फानन में पुलिस ने की कुर्की
बक्सर पुलिस ने 15 दिनों में चार आरोपितों में से सिर्फ दो की ही गिरफ्तारी की है. जबकि दो अभी भी फरार चल रहे हैं. एक सप्ताह पूर्व मिले न्यायालय से कुर्की आदेश के बावजूद पुलिस की उदासीनता के कारण लंबित कुर्की का काम आनन-फानन में नगर थाने की पुलिस ने शुक्रवार की दोपहर शुरू किया, ताकि गुस्साये अधिवक्ताओं पर मरहम लगाया जा सके. इस मामले में नामजद आरोपित सन्नी श्रीवास्तव, प्रकाश श्रीवास्तव, नन्हें कुमार और सुजीत श्रीवास्तव में से पुलिस ने सन्नी श्रीवास्तव और नन्हें कुमार को गिरफ्तार नहीं कर पायी है. जबकि पुलिस ने इस कांड के दो नामजद नन्हें के पिता सुजीत श्रीवास्तव और प्रकाश श्रीवास्तव समेत छेड़खानी के मामले के अभियुक्त सुजीत श्रीवास्तव के बेटे गोपाल श्रीवास्तव उर्फ सल्लू को भी पिछले दिनों हिरासत में ले लिया था.
चरित्रवन में हुआ दाह-संस्कार
अधिवक्ता प्रेम प्रकाश की मौत के बाद पुलिस ने शव को बक्सर मंगा कर सदर अस्पताल में पोस्टमार्टम कराने के बाद शव को परिजनों को सौंप दिया. अधिवक्ता प्रेम प्रकाश की पत्नी और उनकी बेटी प्रियदर्शिनी समेत उनके बेटा का रोते-रोते बुरा हाल रहा. देर शाम अधिवक्ता का दाह संस्कार चरित्रवन स्थित श्मशान घाट पर कर दिया गया, जहां पर बड़ी संख्या में अधिवक्ता और उनके परिवार के सदस्य मौजूद थे.
आरोपित का घर अधिवक्ता के पास ही है
अधिवक्ता का परिवार और हत्यारों का परिवार एक ही मुहल्ले में वर्षों से रह रहा है. अधिवक्ता की बेटी प्रियदर्शिनी अपनी शिक्षा पूरी कर ली है. जबकि छोटा बेटा अभी पढ़ाई ही कर रहा है. गोली चलानेवाले युवक के भाई गोपाल श्रीवास्तव उर्फ सल्लू ने अधिवक्ता की पुत्री प्रियदर्शिनी से छेड़खानी की थी और यह सिलसिला मनाही के बाद ही लगातार चल रहा था, जिसके कारण विवश होकर अधिवक्ता को छेड़खानी का मामला महिला थाने में दर्ज कराना पड़ा था.