माता के गर्भ में ही संस्कार विकसित होते हैं : उद्धव जी

ब्रह्मपुर : प्रखंड के तेज पांडेयपुर में चल रहे भगवान गोदा रंगनाथ विवाह महोत्सव के अवसर पर जगतगुरु स्वामी उद्धव प्रपन्नाचार्य महाराज ने अपने प्रवचन के दौरान कहा कि बच्चाें के अधिकांश संस्कार माता के गर्भ में ही विकसित होते हैं. इसलिए माताआें को गर्भधारण के पश्चात अपने आचरण को पवित्र रखते हुए भगवान के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 25, 2015 5:20 AM

ब्रह्मपुर : प्रखंड के तेज पांडेयपुर में चल रहे भगवान गोदा रंगनाथ विवाह महोत्सव के अवसर पर जगतगुरु स्वामी उद्धव प्रपन्नाचार्य महाराज ने अपने प्रवचन के दौरान कहा कि बच्चाें के अधिकांश संस्कार माता के गर्भ में ही विकसित होते हैं. इसलिए माताआें को गर्भधारण के पश्चात अपने आचरण को पवित्र रखते हुए भगवान के स्वरूप का ध्यान निरंतर करना चाहिए.

ईश्या, द्वेष, बुराई, चुगली, लोभ, लालच आदि जैसे व्यवहार का त्याग करना चाहिए एवं अच्छे कमों का समावेश जैसे बड़ों की सेवा, भगवान का स्मरण, वीरता के गाथा, महापुरुषों के चरित्र का हमेशा मनन एवं चिंतन करना चाहिए, ताकि एक नयी दुनिया में आनेवाला बालक एक अच्छे एवं सुयोग्य चरित्र का महान व्यक्ति बन सके़ स्वामी जी ने अपने प्रवचन के दौरान कहा कि समाज के निर्माण में माताओं का बहुत बड़ा योगदान रहा है़

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