पोलियो इंजेक्शन से नवजात की मौत !

पोलियो इंजेक्शन से नवजात की मौत !आइपीवी टीका लगने के 15 घंटे की भीतर बच्चे ने दम तोड़ाचिकित्सा अधिकारी ने किया आइपीवी टीका के रियेक्शन से इनकारफोटो-11-बच्चे की मौत के बाद रोती-बिलखती मां.बगेनगोला. अंचल के ब्रह्मपुर गांव में आइपीवी टीका लगने के 15 घंटे के अंदर ही एक ढाई माह के एक नवजात की मौत […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | January 15, 2016 6:26 PM

पोलियो इंजेक्शन से नवजात की मौत !आइपीवी टीका लगने के 15 घंटे की भीतर बच्चे ने दम तोड़ाचिकित्सा अधिकारी ने किया आइपीवी टीका के रियेक्शन से इनकारफोटो-11-बच्चे की मौत के बाद रोती-बिलखती मां.बगेनगोला. अंचल के ब्रह्मपुर गांव में आइपीवी टीका लगने के 15 घंटे के अंदर ही एक ढाई माह के एक नवजात की मौत हो गयी. उसे एक दिन पहले ही आगंनबाड़ी केंद्र में पोलियोरोधी टीका दिया गया था. दिन में उसकी तबीयत ठीक थी, लेकिन रात में साेने के बाद वह सुबह नहीं उठ सका. बच्चे की मौत की जानकारी मां को तब मिली, जब वह शौच कर बाहर से आयी. बच्चे को दूध पिलाने के लिये उसे जगा रही थी, लेकिन तब तक वह मौत की नींद सो चुका था. बच्चे की मौत से घर में कोहराम मच गया. गुरुवार की अहले सुबह पांच बजे परिजनों की चीत्कार से पूरा गांव गमगीन हो गया. बाद में परिजनों ने बच्चे का अंतिम संस्कार कर दिया. बच्चे की मां सुनीता देवी, पिता शंभूनाथ कोहार ने बताया कि बुधवार को आंगनबाड़ी केंद्र पर दो बजे अपने ढाई माह के बच्चे को पोलियो का इंजेक्शन दिलवाया था. शाम में बच्चा ठीक-ठाक था, रात में हम सभी परिवार खाना खाकर सो गये. सुबह पांच बजे शौच से वापस लौट कर बच्चे को दूध पिलाने के लिये जगाने लगी. बच्चा नहीं उठा, तब घर वालों को जगाया. पता चला कि उसकी सांस नहीं चल रही है. बच्चे की मौत पर मां के आंसू रूक नहीं पा रहे हैं. वह लगातार बेसुध हो जा रही है. परिजनों ने सुनीता देवी को भी आनन-फानन में अस्पताल पहुंचाया. मृतक शंभूनाथ के चार पुत्रों में से सबसे छोटा पुत्र था. कहते हैं चिकित्सा अधिकारीप्रखंड चिकित्सा प्रभारी डॉक्टर यूएस त्रिपाठी ने कहा कि बच्चे को थर्ड पेंटावेलेंट और थर्ड ओपीभी, एक साथ दिया गया. इसके बाद आइभी का इंजेक्शन लगाया गया है. अगर बच्चे में टीके का रियेक्शन होता तो दो-चार घंटे में कुछ लक्षण जरूर दिखता. आइपीवी इंजेक्शन जांच-परखकर बच्चों को दी जाती है. यह सुरक्षित है, इस दवा में साइड इफेक्ट होने का खतरा कम ही रहता है.

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