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3015 शिक्षकों के फोल्डर को निगरानी ने लिया कब्जे में

निगरानी और विभाग के दबाव के बावजूद आठ प्रखंडों के अब तक जमा नहीं हुए फोल्डर केसठ, चक्की और चौगाईं प्रखंडों में स्पष्ट हुई स्थिति अवधि समाप्त होने के बाद अब कार्रवाई की तैयारी नियोजन इकाइयों के खिलाफ प्रपत्र क गठित कर होगी कार्रवाई बक्सर : फर्जी शिक्षकों की बहाली के मामले में चल रही […]

निगरानी और विभाग के दबाव के बावजूद आठ प्रखंडों के अब तक जमा नहीं हुए फोल्डर

केसठ, चक्की और चौगाईं प्रखंडों में स्पष्ट हुई स्थिति
अवधि समाप्त होने के बाद अब कार्रवाई की तैयारी
नियोजन इकाइयों के खिलाफ प्रपत्र क गठित कर होगी कार्रवाई
बक्सर : फर्जी शिक्षकों की बहाली के मामले में चल रही निगरानी जांच में अब तक जिले में सभी शिक्षकों ने अपना फोल्डर जमा नहीं किया है, जिससे जिले में भयावह स्थिति बनी है. जमा शिक्षकों के 3015 फोल्डर को निगरानी ने अपने कब्जे में जांच के लिए ले लिया है. अब तक जिले में काम करनेवाले 52 सौ शिक्षकों में से मात्र 3500 शिक्षकों ने अपना-अपना फोल्डर जमा किया है और शेष बचे 1700 शिक्षकों ने अब तक कागजात जमा नहीं किये हैं,
जिससे शिक्षा विभाग सख्ते में है. ताज्जुब इस बात की है कि किसी भी प्रखंड से शत-प्रतिशत शिक्षकों ने फोल्डर जमा नहीं किया है और फोल्डर नहीं जमा करनेवाले शिक्षकों के खिलाफ गाज गिरने की संभावना प्रबल हो गयी है. साथ ही शिक्षकों की नियोजन इकाइयों पर भी सरकार की गाज गिरेगी. क्योंकि किन परिस्थितियों में शिक्षकों ने फोल्डर जमा नहीं किया. इसके लिए नियोजन इकाइयों को भी जवाब देना होगा. फोल्डर जमा नहीं करनेवाले शिक्षकों को लेकर विभाग प्राथमिकी दर्ज कराने और उनकी नियोजन इकाइयों के खिलाफ कार्रवाई करने तथा संबंधित प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी के खिलाफ प्रपत्र क गठित कर कार्रवाई करने आदि जैसी प्रक्रियाएं पूरी करने में लगा है.
ज्ञात हो कि हाइकोर्ट के आदेश पर निगरानी विभाग प्रारंभिक स्कूलों में नियुक्त किये गये शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की जांच कर रही है. साथ ही निगरानी की टीम बहाल शिक्षकों के प्रमाण पत्रों की भी जांच कर रही है.
ऐसे में शिक्षा विभाग के अधिकारियों को 15 फरवरी तक सभी नियोजन इकाइयों को और नियोजित शिक्षकों को अपना-अपना फोल्डर जमा करने का निर्देश जारी किया गया था. बावजूद इसके एक तिहाई नियोजित शिक्षकों ने अपना-अपना फोल्डर जमा नहीं किया. केसठ, चक्की और चौगाईं में लगभग शिक्षकों ने अपना फोल्डर जमा कर दिया और इन प्रखंडों की स्थिति भी स्पष्ट हो गयी है. सबसे खराब स्थिति ब्रह्मपुर, सिमरी, नावानगर प्रखंड की है, जहां फोल्डर जमा नहीं करनेवाले शिक्षकों की संख्या सर्वाधिक है.
क्या कहते हैं अधिकारी
जिला कार्यक्रम पदाधिकारी स्थापना विनायक पांडेय ने स्पष्ट किया कि जिन शिक्षकों ने अपना फोल्डर जमा नहीं किया है उनकी समय सीमा समाप्त हो चुकी है और उनके खिलाफ अब कार्रवाई की जायेगी. विभाग के द्वारा मिले दिशा निर्देशों के आलोक में उन शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. उन्होंने कहा कि 52 हजार शिक्षकों में से 17 हजार शिक्षकों का फोल्डर अब भी प्राप्त नहीं है, जिससे साफ होता है कि 1700 शिक्षक फर्जी तरीके से नियुक्त हुए हैं. जांच में नियुक्ति की प्रक्रिया के साथ-साथ नियुक्ति में शामिल रहनेवाले अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों को भी इस मामले में दोषी ठहराया जायेगा.

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