लापरवाही.बिजली बिल में गड़बड़ी से अब तक नहीं मिली निजात

तीन पंखाें, एक फ्रिज,पांच बल्बों व एक टीवी का बिल आठ हजार बक्सर : बिजली विभाग की लापरवाही के कारण बिजली उपभोक्ताओं को फिर से परेशानी झेलनी पड़ रही है.इन दिनों बिजली विपत्र में गड़बड़ी की शिकायत ज्यादा देखने को मिल रही है. हालांकि विभाग का दावा रहता है कि विपत्र में गड़बड़ी की सुधार […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | February 18, 2016 6:31 AM

तीन पंखाें, एक फ्रिज,पांच बल्बों व एक टीवी का बिल आठ हजार

बक्सर : बिजली विभाग की लापरवाही के कारण बिजली उपभोक्ताओं को फिर से परेशानी झेलनी पड़ रही है.इन दिनों बिजली विपत्र में गड़बड़ी की शिकायत ज्यादा देखने को मिल रही है. हालांकि विभाग का दावा रहता है कि विपत्र में गड़बड़ी की सुधार एक सप्ताह के भीतर कर दिया जायेगा.लेकिन, कई ऐसे उपभोक्ता हैं,
जो पिछले कई माह से लगातार बिजली बिल में सुधार के लिए विभाग का चक्कर लगा रहे हैं,लेकिन विभाग के कर्मी हर बार उपभोक्ताओं को किसी तरह अगले तिथि का हवाला देकर वापस लौटा दे रहे हैं.पहले से सुधार के लिए पड़े आवेदनों का सुधार नहीं हो पाया है.वहीं, दूसरी ओर पुन: सैकड़ों उपभोक्ताओं के विपत्र में गड़बड़ी हुई है,जिसे लेकर उपभोक्ता विभाग का चक्कर लगा रहे हैं.
क्या कहते हैं अधिकारी
इस संबंध में विभाग के अधिकारी तकनीकी खराबी का हवाला देकर अपना पल्ला झाड़ ले रहे हैं. एसडीओ अभिषेक कुमार ने बताया कि बिजली बिल में हुई गड़बड़ी को शीघ्र सुधार किया जायेगा.
पिछले एक साल से विभाग का चक्कर लगा रहे हैं उपभोक्ता
जनवरी माह के बिल में हुई है सबसे ज्यादा गड़बड़ी उपभोक्ता हैं परेशान
एक कर्मी करता है बिजली बिल का सुधार
केस वन
शहर के बज्जमी नगर निवासी इसरार अंसारी का बिजली बिल अचानक एक माह में लगभग आठ हजार का आ गया है,जिससे उन्हें मानसिक परेशानी झेलनी पड़ रही है.इसरार अंसारी ने बताया कि उनके घर में तीन पंखा, एक फ्रिज,पांच बल्ब व एक टीवी है. वे बताते हैं कि बिल में गड़बड़ी के सुधार में जो परेशानी हो रही है, उससे वे काफी आहत हैं. दरअसल वे एक किराना की दुकान चलाते हैं,जिससे उनके पास समय का काफी अभाव है.
ठठेरी बाजार निवासी सुजीत कुमार पिछले एक साल से बिजली बिल में हुई गड़बड़ी को सुधरवाने में लगे हैं,लेकिन अब तक उन्हें राहत नहीं मिली है.विभाग की लापरवाही के कारण एक माह का बिजली बिल लगभग 48 हजार का भेजा गया था,जिसको सुधरवाने के लिए वे पिछले एक साल से विभाग का चक्कर लगा रहे हैं.धीरे-धीरे बिल की राशि लगभग 78 हजार हो चुकी है. इतनी परेशानी होने के बाद भी विभाग ने बिल सुधार के लिए एक कर्मी को तैनात किया है.

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