बक्सर : 11 वर्षों के लंबे आंदोलन के बाद बक्सरवासियों ने बक्सर को अनुमंडल के बाद जिला बनाने में सफलता हासिल की. वैसे तो इस पूरे आंदोलन में सैकड़ों लोग शामिल हुए, जिसमें बुद्धिजीवी, समाजसेवी, व्यवसायी, श्रमिक, किसान, साहित्यकार, रंगकर्मी, राजनीतिज्ञ, पत्रकार और छात्र-छात्राएं शामिल थे. आज बक्सर जिला 25 वर्ष पूरा करने को है और अपने रजत जयंती वर्ष मनाने की तैयारी कर रहा है.
इस जिला गठन की लड़ाई लड़नेवाले उत्साही लोगों में करीब 18 प्रमुख लोग स्वर्ग सिधार चुके हैं, मगर उनकी यादें आज भी जीवंत हैं. जनवरी 1980 से अनवरत संघर्ष के बाद बक्सर 17 मार्च 1991 को आखिरकार जिला बन गया. 1980 से लेकर 1990 तक में बक्सरवासियों ने पांच बार बक्सर बंद कराया, जो अभूतपूर्व रहा और उससे सरकार की कुंभकर्णी निद्रा टूटी और फिर बक्सर को जिला का दर्जा मिल गया.
बक्सर जिला स्थापना को लेकर पहली बैठक गुरुवार तीन मार्च को निर्धारित है, जिसमें आयोजन की तैयारियों को लेकर प्रारंभिक विचार-विमर्श शुरू किया जायेगा. बैठक में जिले के प्रमुख साहित्यकार, बुद्धिजीवी, पत्रकार, राजनीतिज्ञ, समाजसेवी सभी शामिल होंगे, ताकि जिले के उत्सव में सभी भागीदार बन सकें.