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नदी के रास्ते भी नहीं पहुंचेगी शराब

पहल. शराबबंदी की तैयारियों को विभाग दे रहा अंतिम रूप, गांवों में हो रहा नुक्कड़ नाटक 16 दुकानें, दो चेक पोस्ट और रिवर पेट्रोलिंग की हो रही तैयारी होली के मद्देनजर तेज गति से चल रहा विदेशी शराब का उठाव, अब तक 30 फीसदी उठाव जागरूकता के लिए शिक्षा विभाग चला रहा अभियान एक अप्रैल […]

पहल. शराबबंदी की तैयारियों को विभाग दे रहा अंतिम रूप, गांवों में हो रहा नुक्कड़ नाटक
16 दुकानें, दो चेक पोस्ट और रिवर पेट्रोलिंग की हो रही तैयारी
होली के मद्देनजर तेज गति से चल रहा विदेशी शराब का उठाव, अब तक 30 फीसदी उठाव
जागरूकता के लिए शिक्षा विभाग चला रहा अभियान
एक अप्रैल से शराबबंदी को लेकर बक्सर जिले में अभी से ही युद्ध स्तर पर तैयारी जारी है. वहीं,लोगों को जागरूक करने के लिए गांवों में दीवार लेखन और स्कूली बच्चों द्वारा प्रभातफेरी निकाल कर शराब को छोड़ने के लिए अपील की जा रही है़ तो दूसरी ओर कारोबारी व शराब पीनेवाले अभी से ही होली की तैयारी में जुट गये हैं और शराब स्टाॅक करने लगे हैं.
बक्सर : एक अप्रैल से बिहार में लागू होनेवाली नयी शराब नीति को लेकर राज्य के सभी जिलों समेत बक्सर में भी उत्पाद विभाग लगातार छापेमारी अभियान चला रहा है. शराबबंदी को लेकर विभाग प्रचार-प्रसार का काम भी युद्ध स्तर पर जारी किया है. इसके लिए राज्य सरकार की ओर से शिक्षा विभाग को कई जिम्मेदारियां दी गयीं हैं, जिसमें जागरूकता अभियान, दीवार लेखन, पोस्टरिंग आदि शामिल है.
वहीं, जीविका को भी कई जिम्मेदारियां नशा मुक्ति अभियान को लेकर दी गयीं हैं और गांव-गांव में घूम कर जीविका भी सार्थक प्रयास कर रही है. जिले के 142 पंचायतों में नाटक के जरिये कला जत्था जागरूकता अभियान चला रही है, जिसमें 72 पंचायतों में कला जत्था गांव-गांव घूम कर शराब की बुराइयों के प्रति लोगों को जागरूक कर चुकी है. इसके अतिरिक्त जगह-जगह प्रभातफेरी निकाल कर तख्तियां लिये बच्चों के जरिये नशा सेवन से दूर होने का संदेश पहुंचाया जा रहा है.
4040 दीवारों पर लेखन कर नशा से दूर रहने का दिया गया संदेश
अब तक 4040 दीवार लेखन कर नशा से दूर रहने का संदेश लोगों को दिया गया है. इसके अतिरिक्त वैसे महादलित टोलों की पहचान की जा रही है, जहां शराब के अधिक सेवन होते हैं और शराब से दलित परिवारों का जीवन संकट में फंसा है.
इस अभियान में अब तक करीब चार दर्जन पंचायतों के महादलित टोलों की पहचान हो चुकी है और शेष पंचायतों में शीघ्र ही महादलित टोलों की पहचान कर लेने का काम पूरा कर लिया जायेगा. नशा मुक्ति अभियान के परिपेक्ष्य में अब तक 52 कारोबारियों को जेल भेजा जा चुका है, जिसमें जनवरी माह में 12 कारोबारी, फरवरी में 33 और मार्च में सात कारोबारी शामिल हैं. छापेमारी अभियान में दो दर्जन से अधिक अवैध शराब की भट्ठियों को ध्वस्त किया जा चुका है. छापेमारी अभियान को लगातार चलाया जायेगा.
जिले में बनेंगे दो चेक पोस्ट
एक अप्रैल से होनेवाली पूर्ण शराबबंदी को लेकर खोले जानेवाले बक्सर अनुमंडल के 10 और डुमरांव अनुमंडल के 6 दुकानों का चयन का काम पूरा कर लिया गया है. उन दुकानों के किराया निर्धारण का काम किया जा रहा है. एक अप्रैल से पहले जिले में दो चेक पोस्ट उत्पाद विभाग बनायेगा, जिसमें पहला वीर कुंवर सिंह सेतु के पास और दूसरा चौसा प्रखंड के यादव मोड़ के पास बनाया जायेगा.
चेक पोस्ट का उद्देश्य उत्तरप्रदेश के बलिया और गाजीपुर से शराब की आवक को रोकना है. इन चेक पोस्टों के लिए भवन निर्माण विभाग से स्टीमेट बना कर देने को कहा गया है और इसे भी 31 मार्च से पहले पूरा कर लिया जायेगा. इसके अतिरिक्त रिवर पेट्रोलिंग के लिए दो नौका किराया पर लेने की प्रक्रिया चल रही है, ताकि उत्तरप्रदेश के क्षेत्र से नदी मार्ग से भी शराब बक्सर तक नहीं पहुंच सके.
महुआ पेड़ों का हो रहा सर्वेक्षण
नशामुक्ति अभियान के परिपेक्ष्य में पहली बार राज्य सरकार जावा महुआ के पेड़ों का सर्वेक्षण करा रही है और इसके लिए प्रखंड के सभी अंचलाधिकारियों को पत्र भेजा जा चुका है. सभी अंचलाधिकारी न सिर्फ पेड़ों की संख्या का ब्योरा देंगे, बल्कि पेड़ों के साथ-साथ पेड़ों के लोकेशन और पंचायत का भी ब्योरा देंगे, ताकि भविष्य में उन पेड़ों को लेकर नीतियां बनायी जा सकें, ताकि जगह-जगह गांव-गांव बननेवाले जावा महुआ शराब के निर्माण को रोका जा सके. इस संबंध में पेड़ों का क्या होगा, इस पर स्पष्ट निर्देश सरकार का नहीं आया है.
होली को लेकर हो रहा शराब का ज्यादा उठाव
शराबबंदी को लेकर राज्य में होनेवाली अंतिम होली को लेकर शराबियों में जबरदस्त उत्साह है. शराब का उठाव युद्ध स्तर पर चल रहा है. पिछले साल जहां 42 हजार एलपीएल विदेशी शराब का आवंटन था. वहीं, इस वर्ष 48 हजार एलपीएल शराब का आवंटन है, जिसका उठाव दुकानदार तेजी से कर रहे हैं. महीना शुरू होते ही मार्च माह में 30 फीसदी से अधिक उठाव हो चुका है. फरवरी माह के आवंटन के विरुद्ध उठाव कम हुआ था. उस बचे आवंटन में से भी इस माह दुकानदार उठा रहे हैं. मार्च महीने में दुकानदारों को आवश्यकतानुसार अधिक उठाव कर लेने की भी छूट दी गयी है, जिसकी कोई लिमिट नहीं है.
क्या कहते हैं उत्पाद अधीक्षक
नयी शराब नीति को लेकर सरकार के निर्देशों का अनुपालन करने की दिशा में लगातार प्रयास चल रहा है.बक्सर जिला उत्तरप्रदेश के सीमा से सटा है, इसको लेकर विभाग काफी गंभीर है और किसी भी सूरत में उत्तरप्रदेश से शराब लाये जाने की कोशिशों को रोका जायेगा. जिले में सरकार द्वारा निर्धारित मानकों के अनुसार खोले जानेवाली बक्सर की 10 दुकानों और डुमरांव की 6 दुकानों का चयन किया जा चुका है और किराया तय करने की प्रक्रिया जारी है. बनाये जानेवाले दो चेक पोस्ट का निर्माण भी समय सीमा के अंदर पूरा कर लिया जायेगा.
मनोज कुमार, उत्पाद अधीक्षक
क्या कहते हैं साक्षरता डीपीओ
31 मार्च तक जिले की 142 पंचायतों में नाटकों के जरिये नशा मुक्ति के लिए जागरूकता अभियान पूरा कर लिया जायेगा.हर कला जत्था में 10 से 12 सांस्कृतिक कर्मी घूम-घूम कर नशा मुक्ति का संदेश दे रहे हैं.
साथ ही अब तक 58 महादलित टोले चिह्नित कर लिये गये हैं, जहां के दलित परिवार शराब सेवन से तबाह और बरबाद हो रहे थे. जिले में 4040 दीवारों पर नशा मुक्ति के लिए नारे और स्लोगन लिखे जा चुके हैं. शहर के प्रवेश मार्गों पर विभिन्न क्षेत्रों में होर्डिंग भी लगाया जाना है. स्कूली बच्चों की प्रभातफेरी के जरिये शहर के विभिन्न हिस्सों में जागरूकता अभियान चलाने का काम जारी है.
मो. सईद अंसारी, जिला कार्यक्रम पदाधिकारी साक्षरता

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