सब ने किया प्रभु यीशु को याद
प्रार्थना सभा में शामिल हुए सैकड़ों पुरुष एवं महिलाएं संवाददाता, बक्सर जिले में क्रिसमस पर्व को धूम-धाम से मनाया गया़ ईसाई समुदाय के अलावा हर वर्ग के लोगों में पर्व को लेकर खासा उत्साह रहा़ जिले भर के गिरजाघरों को सजाया गया था़ गिरजाघरों में गौशाला को समुदाय के लोगों ने आकर्षक ढं़ग से सजाया […]
प्रार्थना सभा में शामिल हुए सैकड़ों पुरुष एवं महिलाएं
संवाददाता, बक्सर
जिले में क्रिसमस पर्व को धूम-धाम से मनाया गया़ ईसाई समुदाय के अलावा हर वर्ग के लोगों में पर्व को लेकर खासा उत्साह रहा़ जिले भर के गिरजाघरों को सजाया गया था़ गिरजाघरों में गौशाला को समुदाय के लोगों ने आकर्षक ढं़ग से सजाया था़ गौशाला में प्रभु यीशु, माता मरियम एवं पिता जोसेफ की झांकी को बनाया गया था़ सुबह से ही गिरजाघरों के दरवाजे खुले हुए थ़े गिरजाघरों में सुबह मीसा बलिदान एवं प्रार्थना की गयी. जिसके बाद लोगों ने प्रभु यीशु के सामने कैंडल जला कर अपने सुखमय जीवन के लिए मंगलमय कामना की़ नगर के नया बाजार, पीपी रोड, स्टेशन स्थित गिरजाघरों में देर शाम तक लोग कैंडल जला कर प्रार्थना करने के लिए पहुंचते रह़े कैथोलिक चर्च में सुबह पुजारी स्वामी जी सेवास्टीयन कल्लूपूरा ने प्रार्थना की़ प्रार्थना सभा में सकैड़ों लोगों ने भाग लिया. प्रार्थना सभा में स्वामी जी ने कहा कि मुक्तिदाता का जन्म सभी को पाप मुक्त करने के लिए हुआ है़ लोगों को यीशु के बताये गये सही मार्गो को अपनाना चाहिए़ एक आदर्श व्यक्तित्व को अपना कर दूसरों की भलाई करनी चाहिए़ स्वामी जी ने गौशाल के महत्व के बारे में विस्तृत रूप से बताया़ गिरजाघर का पूरा परिसर सजा हुआ था़ गिरजाघर में सबसे ज्यादा भीड़ महिला, युवती एवं बच्चों की थी़ सभी एक दूसरे को हैप्पी क्रिसमस की बधाई दे रहे थ़े बधाई देने का दौर दिन भर चलता रहा़ नगर से लोग देर शाम तक कैथोलिक चर्च में पहुंचते रह़े
प्रभु यीशु के जन्मोत्सव पर बच्चों ने जलाये कैंडल
डुमरांव प्रतिनिधि के अनुसार पुराना भोजपुर स्थित संत जोसफ स्कूल के कैथोलिक चर्च में क्रिसमस धूमधाम से मनाया गया. प्रभु यीशु के जन्म उत्सव पर बच्चों ने कैंडिल जलाये.
वहीं चाइनीज बल्बों व रोलेक्स से आकर्षण ढंग से सजे चर्च में बुधवार को प्रार्थना सभा का आयोजन किया गया. फादर जेम्स एवं फादर भास्कर ने अमन व शांति के मसीहा प्रभु यीशु के संदेशों को सुनाया. उन्होंने बताया कि इनसान में परमात्मा को जानने एवं पाने की लालसा है.
इस लालसा की प्राप्ति केवल इनसान के प्रयास से पूरी नहीं होती बल्कि इसके लिए स्वयं ईश्वर की सहायता की आवश्यकता होती है.