अब बरदाश्त नहीं हो रही गरमी
हाल-बेहाल. बिजली की खपत हुई दुगुनी, अस्पताल में हाइ फीवर व उलटी-दस्त के पहुंच रहे मरीज गरमी से जहां लोग कराह रहे हैं. वहीं, मौसम का सर्वाधिक तापमान 43 डिग्री दर्ज होने से लोग बेहाल हैं. बिजली की खपत भी 22 मेगावाट की जगह 35 मेगावाट हो गयी है और लोग बिना एसी-कूलर के घर […]
हाल-बेहाल. बिजली की खपत हुई दुगुनी, अस्पताल में हाइ फीवर व उलटी-दस्त के पहुंच रहे मरीज
गरमी से जहां लोग कराह रहे हैं. वहीं, मौसम का सर्वाधिक तापमान 43 डिग्री दर्ज होने से लोग बेहाल हैं. बिजली की खपत भी 22 मेगावाट की जगह 35 मेगावाट हो गयी है और लोग बिना एसी-कूलर के घर में नहीं रह पा रहे हैं.हालांकि आनेवाले चार दिनों में तापमान में सुधार होने की संभावना मौसम विभाग ने जतायी है.सदर अस्पताल में भी रोज लू और तेज बुखार के मरीज बड़ी संख्या में पहुंच रहे हैं. कय-दस्त के मरीजों की संख्या बढ़ गयी है.
बक्सर : अप्रैल माह के उत्तरार्द्ध के साथ-साथ अंगार बरसाती भगवान भास्कर की किरणों के चलते आम जन जीवन कराह उठा है.उस पर तेज गति से बह रही पछुआ हवाओं संग लू के थपेड़ों की जुगलबंदी किसी सितम से कम साबित नहीं हो रही है. हालात यह कि दिन चढ़ने के साथ ही सड़कों पर सन्नाटा पसर जा रहा है और इस सन्नाटे को तोड़ रही है दो पहिया, चारपहिया वाहनों के पहिये. सुबह के समय सड़कों पर चहल-पहल रह रहा है,
पर जैसे-जैसे दिन चढ़ता जा रहा है सड़कें वीरान होती जा रही हैं. गुरुवार को भी तापमान न्यूनतम 28 डिग्री और अधिकतम 42 डिग्री रहा.साथ ही तेज गति से बह रही पछुआ हवाओं ने रही सही कसर पूरी कर दी. लू के चल रहे थपेड़ों से बचने के लिये लोग घर और छांव की शरणागत होने में ही भलाई समझ रहे हैं. गरमी के चलते बाजार में कूलर और पंखों की डिमांड बढ़ गयी है. गरमी के कारण इनसान, तो इनसान पशु -पक्षी भी बिलबिला उठे हैं. गरमी में प्यास से व्याकुल जानवर व पक्षी पानी की तलाश में भटकते और वृक्षों के नीचे छांव की तलाश में मारे-मारे फिर रहे हैं. खेत और जंगल झाड़ में रहनेवाले हिरन,नीलगाय तथा घोड़रोज आदि जानवर भी अब पानी की तलाश में बस्तियों की ओर रूख करने लगे हैं.
दुगुनी बिजली हो रही गरमी में खपत : बक्सर जिले में सामान्य तौर पर 20 से 22 मेगावाट बिजली की खपत प्रतिदिन होती थी, जो गरमी में बढ़ कर 35 मेगावाट तक पहुंच गयी है. 35 मेगावाट की सप्लाइ जिले को मिल रही है और बिजली विभाग लगभग 24 घंटे बिजली उपलब्ध कराने की कोशिश में लगा है. ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली की आपूर्ति कहीं 12 घंटे, तो कहीं 15 घंटे आपूर्ति की जा रही है और साथ ही शहरवासियों की बिजली की खपत को देखते हुए ग्रामीण क्षेत्रों में बिजली दी जा रही है.
बिजली विभाग के कार्यपालक अभियंता संतोष कुमार ने बताया कि भीषण गरमी के कारण घरों में एसी-कूलर खूब चलाये जा रहे हैं, जिसके कारण खपत दोगुनी के करीब पहुंच गयी है, जिसे मेंनटेन करना मुश्किल हो गया है. फिर भी 24 घंटे बिजली देने की कोशिश जारी है.