सुहाग के सिंहोरे से बेटियां बनती हैं सुहागिन

लड़कियों की कलाकृति से लाल सिंहोरा होता है आकर्षक डुमरांव (बक्सर) : शहर का एक मुहल्ला है शहीद मर्द है, जहां की लड़कियां सिंहोरा बनाती है. इसमें पूरा मुहल्ला सहयोग देता है़ सबसे खास बात यह है कि जिनके घर में लड़की नहीं होती वहां भी महिलाएं जाती हैं और उनका सिंहोरा बनाती हैं. क्योंकि […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | April 27, 2016 7:00 AM

लड़कियों की कलाकृति से लाल सिंहोरा होता है आकर्षक

डुमरांव (बक्सर) : शहर का एक मुहल्ला है शहीद मर्द है, जहां की लड़कियां सिंहोरा बनाती है. इसमें पूरा मुहल्ला सहयोग देता है़ सबसे खास बात यह है कि जिनके घर में लड़की नहीं होती वहां भी महिलाएं जाती हैं और उनका सिंहोरा बनाती हैं. क्योंकि पूरे मुहल्ले का दाना-पानी, शादी-ब्याह इसी कमाई से होता है़ मोहल्लों में कारीगरों का अलग-अलग घर हैं, लेकिन बेटियां एक-दूसरे की मदद करती है़ं महिलाओं के साथ समूह में बेटियां हर घर में पहुंचती हैं और निर्मित सिंहोरा में नया रंग भरती है.
कारीगर सुदामा खरवार, मनोहर लाल आदि ने बताया कि कई घरों में बेटी नहीं है, लेकिन बिरादरी की
बेटियां सबकी मदद करती हैं. बुजुर्ग रामधनी व सोहनलाल की मानें तो इस बिरादरी में सदियों से यह परंपरा चली आ रही है़
अन्य प्रदेशों मे भी डिमांड
दिल्ली, झारखंड, ओडिशा, बंगाल व उत्तरप्रदेश के गोरखपुर, बलिया, कानपुर, लखनऊ समेत अन्य शहरों में भी बक्सर के सिंहोरा की डिमांड है.
सहयोग से होती है
बेटी की शादी
सिंहोरा कारीगर बिरादरी की बेटियों की शादी में एक-दूसरे को पैसों की मदद करते हैं. कारोबार से जुड़े गोरख, त्रिलोचन, महेश आदि ने बताया कि बेटी की शादी के लिए बिरादरी के सभी घरों से पैसों की मदद लेकर एक जगह जमा किया जाता है. उन पैसों से बरातियों का स्वागत, टेंट, बाजा आदि का इंतजाम किया जाता है़

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