ब्रह्मपुर नगर पंचायत क्षेत्र में लगायी गयी थी 80 तिरंगा लाइट, 15 दिनों के अंदर 70 हो गयीं खराब
नगर पंचायत ने बिजली के पोलों पर तिरंगा लाइट लगाई थी. यह लाइट लगभग पंद्रह दिन में ही आधा खराब हो गए
ब्रह्मपुर
. नगर पंचायत ने बिजली के पोलों पर तिरंगा लाइट लगाई थी. यह लाइट लगभग पंद्रह दिन में ही आधा खराब हो गए. नगर पंचायत के लोगों का आरोप है कि इस काम में भ्रष्टाचार हुआ है. ये लाइटें लगभग पंद्रह दिनों तक तो जगमगाते रहे लेकिन अब इनमें से ज्यादातर की बत्ती गुल हो चुकी है. नगर पंचायत को तिरंगा रंग में रंगने की योजना के तहत पर लगे बिजली के खंभों पर तिरंगे रंग की एलईडी का शुभारंभ किया था. कई खंभों की एलईडी नहीं जली रही. स्थिति यह है कि पंद्रह दिनों बाद से ही आधा लाइटें बंद हो गयी है. स्थिति यह है कि पूरी तरह आधी खंभों की तिरंगा लाइट बुझ गया. इससे नगर प्रशासन की मंशा पर पानी फिरता दिख रहा है. यही नहीं तिरंगा लाइटों में आर्थिक अनियमितता का बड़ा खेल होने की आशंका जताई जा रही है.
लाखों रुपये खर्च के बाद भी तिरंगा लाइट नहीं दे रही रोशनी : खंभों पर तिरंगा लाइट्स को नगर पंचायत के मुख्य मार्ग शिव मंदिर से चौरास्ता के बीच लाइट लगाई गई हैं . खंभों पर एलईडी लाइट को इस तरह से फिट किया गया था कि यह तिरंगे का रूप ले लें. जब यह लाइट जगमगाती थी, तब केसरिया, श्वेत और हरे रंग की छटा बिखर जाती. पूरा बाजार तिरंगामय हो जाया करता था. एक कतार में खंभे तिरंगे जैसे प्रतीत होते थे. शाम होते ही लाइटों को ऑन कर दिया जाता था, जो रात भर जगमगाती रहती थी. जब लाइटों को खंभों पर फिट किया गया था तब यह नगर पंचायत के लिए खासा आकर्षण का केंद्र थी. लेकिन अब जब यह लाइट ठीक तरह से काम नहीं कर रही तब अलग-अलग खंभों से लगे तिरंगे लाइट की बत्ती गुल है.लेकिन इनका पन्द्रह दिनों बाद ही खराब हो जाना एलईडी लाइट की गुणवत्ता पर सवाल खड़े कर रहा है
खराब हुई लाइट को नहीं किया जा रहा दुरुस्त : कार्यपालक पदाधिकारी अनिरूद्ध कुमार के अनुसार नगर पंचायत में 80 तिरंगा लाईट लगाई गई हैं लेकिन शाम करीब सात बजे लाइटों को देखने पर नगर पंचायत में ग्रामीण बैंक के पास तीन लाईट, एसबीआई बैंक के पास एक लाईट, बाबा ब्रह्मेश्वरनाथ नाथ मंदिर के पास तीन लाईट, नगर पंचायत के दलित बस्ती में तीन व मवेशी अस्पताल मोड़ के पास एक लाईट जलते हुए पाया गया. कुल मिलाकर 80 लाईटों में मात्र 11 लाईट का ही जलना. इसके बाद भी महीनों बिताने के बाद बुझी हुई लाईटों को ठीक न करना अपने आप में एक सवाल बनकर रह गया हैं. कुल मिलाकर 80 लाईटों में मात्र 11 लाईट का ही जलना. इसके बाद भी महीनों बिताने के बाद बुझी हुई लाईटों को ठीक न करना अपने आप में एक सवाल बनकर रह गया हैं.वहीं कार्यपालक पदाधिकारी अनिरुद्ध कुमार ने बताया कि बारिश के कारण एडाप्टर जल गया होगा उसे ठीक करने का निर्देश एजेंसी को दिया गया हैं. तिरंगा लाइटों का अभी भुगतान भी नहीं किया गया हैं
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