बक्सर. नारियल का डिमांड बाजारों में तेजी से बढ़ता जा रहा है. नारियल की खेती करने से के लिए किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा. इसकी खेती करने के लिए सरकार भी किसानों को आर्थिक रूप से सहयोग करने के लिए तैयार है. अनुदानित दर पर नारियल का पौधा भी उपलब्ध कराया जा रहा है. कम से कम नारियल का पांच पौधा व अधिकतम 712 पौधा अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जायेगा. ग्रामीण व शहरी क्षेत्र के किसान भी इसका लाभ उठा सकते हैं. रजिस्टर्ड किसान को ही इसका लाभ मिल सकता है. वहीं नारियल की खेती के लिए यहां का जलवायु भी अनुकूल है. नारियल की खेती के लिए 75 प्रतिशत तक अनुदान दिया जा रहा है. नारियल के पौधे की वितरण योजना का कार्यक्रम तैयार किया गया है. यह नयी योजना है. नारियल पेड़ दुनिया का सर्वाधिक उपयोगी पेड़ है. इसके प्रत्येक हिस्से में किसी न किसी रूप में मानव के लिए उपयोगी है. इसे ध्यान में रखते हुए बक्सर जैसे नारियल के अपरम्परागत क्षेत्र में नारियल पौधरोपण कराना मुख्य उद्देश्य है. इस योजना के तहत नारियल पौधा का वितरण वैसे किसानों को किया जायेगा, जो अपने घर के आसपास अपनी जमीन, बाड़ी, किचन गार्डन खेत में लगाने को इच्छुक होंगे. शहरी क्षेत्र के लोग योजना का लाभ ले सकते हैं.नारियल के पौधा की इकाई लागत 85 रुपए है. कृषकों का चयन पहले आओ पहले पाओ के आधार पर किया जायेगा. नारियल का पौधा का अनुदानित दर पर वितरण कराने के लेकर उद्योग विभाग तैयारी में जुट गया है. जिसे निर्धारित लक्ष्य के अनुसार लगाया जायेगा, उस जमीन की रसीद किसानों को लगाना अनिवार्य होगा.वहीं योजना का लाभ लेने के लिए विभागीय साइट पर किसानों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा. उसके बाद ही लाभ मिलेगा.इस योजना का लाभ लेन के लिए किसानों का डीबीटी पोर्टल पर पंजीकरण आवश्यक होना चाहिए. योजना अन्तर्गत सभी किसानों के लिए का चयन ””पहले आओ पहले पाओं के आधार पर किया जायेगा. जिलावार लक्षित पौधा नारियल विकास बोर्ड, बिहार, पटना के माध्यम से सहायक निदेशक उद्यान को उपलब्ध कराया जायेगा.तत्पश्चात् नियमानुसार वितरित किया जायेगा. एक लाभार्थी की न्यूनतम पांच तथा अधिकतम 712 पौधा (प्रति हेक्टेयर 178 पौधा) अनुदानित दर पर उपलब्ध कराया जायेगा. नारियल का डिमांड बक्सर जिला में काफी बढ़ गया है जिसको देखते इस वित्तीय वर्ष में 2024 -25 में 800 पौधा लगाने का लक्ष्य दिया गया है. जिसको लेकर जिले के किसानों से आवेदन मांगा है इसका लाभ पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिया जाएगा. जिला उद्यान पदाधिकारी किरण कुमारी
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