शरीर पर राख पड़ी, तो ले ली थी तीन लोगों की जान

घटनास्थल पर बह रहा नाली का पानी खून से हो गया था लाल बक्सर, कोर्ट : एक मामूली विवाद ने देखते-ही-देखते ऐसा विकराल रूप ले लिया था कि कृष्णाब्रह्म थाना क्षेत्र के कठार गांव में तीन लोगों की हत्या कर दी गयी थी. 30 जनवरी, 2012 सुबह लगभग आठ बजे का समय था. गांव के […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 28, 2016 7:41 AM
घटनास्थल पर बह रहा नाली का पानी खून से हो गया था लाल
बक्सर, कोर्ट : एक मामूली विवाद ने देखते-ही-देखते ऐसा विकराल रूप ले लिया था कि कृष्णाब्रह्म थाना क्षेत्र के कठार गांव में तीन लोगों की हत्या कर दी गयी थी. 30 जनवरी, 2012 सुबह लगभग आठ बजे का समय था.
गांव के एक टोले में मां सरस्वती की प्रतिमा को विसर्जन के लिए लड़के तैयारी में लगे हुए थे. थोड़ी ही दूर पर बने एक मंदिर के पास तिवारी परिवार का एक पुजारी आग जला कर हाथ सेक रहा था. आग से निकली राख पास में बैठे शेखर सिंह के ऊपर पड़ गयी, जिसको लेकर दोनों में तू-तू-मैं-मैं शुरू हो गयी. इतने में ही शेखर सिंह ने विपक्षी को दो-चार हाथ लगा दिया. किसी ने सोचा भी न होगा कि आग की बुझी राख एक ऐसी भयानक चिनगारी बनेगी कि कुछ ही क्षणों बाद तीन लोगों को काल के मुंह में समा देगी.
पीड़ित ने पिटाई के बाद फौरन जाकर अपने घर के लोगों को सारी बात बतायी, जिसके बाद उसका भतीजा बबन तिवारी बाहर निकला और बगल में ही बने अभियुक्तों के घर की तरफ जाने लगा, जहां अभियुक्तों ने अपनी राइफलें निकाल ली तथा उन्हें ललकराने लगे. इसके बाद जैसे ही बबन तिवारी आगे बढ़ने की कोशिश किया, तो उसे गोलियों से भून दिया गया. गोली की आवाज सुन बबन तिवारी के घर से मिंटू तिवारी एवं सच्चिदानंद तिवारी तेजी से घटनास्थल की तरफ दौड़े जहां अभियुक्त एक के बाद एक तीनों को गोलियों से छलनी करते हुए मौत की नींद सुला दिया.
खून से नाली का पानी हो गया था लाल : कृष्णाब्रह्म थाना का कठार गांव, पतली से पगडंडीनुमा गली में बहता नाली का पानी 31 जनवरी, 2012 की सुबह लगभग नौ बजे तक खून से लाल हो गया था. गली में ही लाशें बिछी हुई थीं.
खाट पर पड़ा सच्चिदानंद तिवारी के शव से टपक कर खून की बूंदें जमीन पर गिरते हुए नाली में गिर रहा था. आसपास दर्जनों लोगों की भीड़ खड़ी थी. बावजूद इसके कोई आवाज सुनायी नहीं दे रहा था. सभी हक्के-बक्के खड़े थे. निवर्तमान डुमरांव के एसडीपीओ नीलम कुमार सिंह अपनी बीमारी के बावजूद घटनास्थल पर पहुंच पुलिसिया कार्रवाई कर रहे थे. अगर आवाज सुनायी दे रही थी, तो पीछे के तिवारी परिवार के घर की महिलाओं की रोने की, जो सभी के हृदय को झकझोर रही थी.
सूनी पड़ी थी मां सरस्वती की प्रतिमा : 31 जनवरी, 2012 जिस दिन एक साथ छोटे से गांव में तीन लोगों कीहत्या कर दी गयी थी, उस दिन मां सरस्वती के प्रतिमा का विसर्जन था. घटनास्थल के पास ही गांव के युवक प्रतिमा रख पूजा किये थे. अब विसर्जन की तैयारी थी, लेकिन अचानक हुई इस घटना के कारण सभी लोग वहां से हट गये थे तथा प्रतिमा एवं पंडाल सूना पड़ गया था.देर रात किसी तरह गांव के लोगों ने प्रतिमा को विसर्जित किया.
मामले में कुल 20 गवाहों की हुई गवाही : तिहरे हत्याकांड में कुल 20 गवाहों को अभियोजन पक्ष ने न्यायालय में प्रस्तुत किया. इस आशय की जानकारी देते हुए लोक अभियोजक नंद गोपाल प्रसाद ने बताया कि उक्त मामले की सुनवाई पहले एडीजे-2 के न्यायालय में की जा रही थी, जहां अभियोजन पक्ष की तरफ से अपर लोक अभियोजक अशोक कुमार शर्मा एवं त्रिलोकी मोहन ने हिस्सा लिया. वहीं, बाद में उक्त मामले को स्थानांतरित करते हुए एडीजे 5 के न्यायालय में स्थानांतरित कर दिया गया. जहां अभियोजन पक्ष की तरफ से अपर लोक अभियोजक शिवशंकर मिश्रा ने बहस में हिस्सा लिया.

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