धान की सीधी बुआई करें किसान

सुझाव. कृषि वैज्ञानिक डॉ राम केवल ने कहा, सीधी बुआई से कम लगता है पानी कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को दिया धान की फसल कम अवधि में उगाने का सुझाव बक्सर : बदलते जलवायु परिवर्तन की वजह से ऋतुओं में परिवर्तन होने लगा है तथा ऋतु भी असंतुलित हो गये हैं. ऐसी परिस्थिति में वर्षा […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | May 29, 2016 10:53 PM

सुझाव. कृषि वैज्ञानिक डॉ राम केवल ने कहा, सीधी बुआई से कम लगता है पानी

कृषि वैज्ञानिकों ने किसानों को दिया धान की फसल कम अवधि में उगाने का सुझाव
बक्सर : बदलते जलवायु परिवर्तन की वजह से ऋतुओं में परिवर्तन होने लगा है तथा ऋतु भी असंतुलित हो गये हैं. ऐसी परिस्थिति में वर्षा की अनिश्चितता मॉनसून में देरी की स्थिति में किसानों को धान की सीधी बुआई से फायदा होगा तथा अगली फसल उगाने के लिए पर्याप्त समय मिलने के साथ लेबर खर्च की कमी, जल की खपत की कमी, जमीन के उर्वरा शक्ति का संरक्षण होगा.
क्या है सीधी बुआई
सीधी बुआई में धान की रोपाई नहीं की जाती, बल्कि जीरो टिलेज मशीन से धान के बिचड़े की सीधी बुआई की जाती है. ऐसे बुआई में एक एकड़ खेत में अाठ किलोग्राम बीज लगता है, जिसमें डीएपी खाद मिला कर नमी युक्त जमीन में सीधे जीरो टिलेज मशीन से लाइन से लाइन बुआई कर दी जाती है.
आवश्यकता क्यों?
वर्षा की अनिश्चितता मॉनसून में देरी तथा बदलते जलवायु परिवर्तन के कारण यह खेती किसानों के लिए आवश्यक व फायदेमंद है. इससे बुआई करने पर पानी की बचत, लेबर की बचत तथा प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण भी होता है.
बुआई के बाद क्या करें?
सीधी बुआई के 20 से 25 दिनों बाद खरपतवार नाशी दवा बिगपैरी बैकसोडियम नामक दवा का 80 ग्राम मात्रा 200 लीटर पानी में मिला कर प्रति एकड़ के हिसाब से स्प्रे करने से खरपतवार समाप्त हो जाते हैं.

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