अनदेखी. गंगा दशहरा कल, गंगा स्नान करने के लिए पहुंचेंगे लाखों श्रद्धालु, पर व्यवस्था नहीं

अभी तक प्रशासन ने नहीं की घाटों पर बैरिकेडिंग की तैयारी बक्सर : ऐतिहासिक व धार्मिक नगरी बक्सर में गंगा स्नान को लेकर आये दिन श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है. यहां गंगा स्नान के लिए बक्सर समेत पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश व झारखंड से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं. ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को गंगा जयंती के अवसर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 13, 2016 2:46 AM

अभी तक प्रशासन ने नहीं की घाटों पर बैरिकेडिंग की तैयारी

बक्सर : ऐतिहासिक व धार्मिक नगरी बक्सर में गंगा स्नान को लेकर आये दिन श्रद्धालुओं की भीड़ जुटती है. यहां गंगा स्नान के लिए बक्सर समेत पड़ोसी राज्य उत्तरप्रदेश व झारखंड से भी श्रद्धालु पहुंचते हैं. ज्येष्ठ शुक्ल दशमी को गंगा जयंती के अवसर पर उत्तरायणी गंगा में स्नान के लिए मंगलवार को श्रद्धालुओं की भारी भीड़ रामरेखा घाट पर जुटेगी. जुटनेवाली भीड़ को देखते हुए प्रशासनिक व्यवस्था रामरेखा घाट पर फिलहाल कुछ नहीं की गयी है.
साथ ही रामरेखा घाट काफी खतरनाक भी हो गया है. सीढ़ी से गंगा में प्रवेश के लिए सीधे चार से पांच फुट नीचे पानी में उतरना पड़ता है, जिसमें महिलाओं को उतरने व चढ़ने में काफी परेशानी होती है. इस समस्या के लिए अभी प्रशासनिक स्तर पर पर कोई वैकल्पिक व्यवस्था नहीं की गयी है.
गंगा स्नान के लिए जुटती है लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ : उत्तरायणी गंगा में स्नान के लिए न केवल जिले के श्रद्धालु गंगा दशहरा के अवसर पर स्नान के लिए पहुंचेंगे, बल्कि उत्तरप्रदेश, झारखंड के अलावे कुछ भक्त नेपाल से भी पहुंचते हैं.
रास्ते पर है अतिक्रमण : मुख्य सड़क से होकर रामरेखा घाट पर जानेवाले रास्ते पर अतिक्रमण है़ जिससे सड़क काफी संकीर्ण हो गयी है. लाखों की संख्या में जुटनेवाली भीड़ इस रास्ते से गंगा घाट तक कैसे पहुंचेगी यह सोचने की बात है. वहीं, प्रशासन के लिए भी चुनौती है़
घाट की स्थिति है खतरनाक : रामरेखा घाट पर बनी पक्के की सीढ़ियां टूट कर खतरनाक हो गयी हैं. घाट के निचले तल की मिट्टी धुल जाने से गंगा घाट गहरा हो गया है. श्रद्धालुओं में ज्यादातर महिला श्रद्धालु ही जुटती हैं, जिन्हें स्नान के लिए गंगा में प्रवेश करना काफी कठिन होगा. साथ ही महिलाओं को चोटिल होने का खतरा बना रहेगा.
सावधान रहें गंगा में स्नान करनेवाले श्रद्धालु : रामरेखा घाट पर सीढ़ी से उतरने के साथ ही चार से पांच फुट की गहराई पड़ती है. सीढ़ी के पास ही श्रद्धालु स्नान करें. सीढ़ी से आगे कुछ ही दूरी पर 15 से 20 फुट की गहराई है. पक्का घाट से आगे बढ़ने पर हो सकती है अनहोनी व बड़ा हादसा.

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