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सब्र,संयम व अनुशासन की तालीम देता है रमजान

सन कैलेंडर को इस्लाम में कहा जाता है हिजरी रमजान के महीने में पवित्र ग्रंथ कुरान हुआ था नाजिल रमजान में बंद हो जाते हैं दोजख के दरवाजे और अल्हा खोल देते हैं अकीदमंदों के लिए जन्नत के द्वार बक्सर : माह-ए-रमजान का महीना नेकियों का है़ रमाजन की शुरुआत होते ही मुसलमानों के दीनचर्या […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 14, 2016 4:18 AM

सन कैलेंडर को इस्लाम में कहा जाता है हिजरी

रमजान के महीने में पवित्र ग्रंथ कुरान हुआ था नाजिल
रमजान में बंद हो जाते हैं दोजख के दरवाजे और अल्हा खोल देते हैं अकीदमंदों के लिए जन्नत के द्वार
बक्सर : माह-ए-रमजान का महीना नेकियों का है़ रमाजन की शुरुआत होते ही मुसलमानों के दीनचर्या में परिवर्तन हो जाता है. भाग दौड़ की जिंदगी में रमजान के आते ही लोगों की रफ्तार थम सी जाती है और अल्लाह की इबादत में डूब जाते है़ं घरों में कुरान की तिलावत करते लोगों की आवाजे सुनायी देती हैं.
हर आदमी रमजान के महीने में हर चीज से दूर होने की कोशिश करने लगता है, जिसे रमजान के दौरान पाबंद किया गया है़ नगर की मसजिदों में हो रहे तरावि की नमाज में शामिल लोग अल्लाह की इबादत में डूबे हुए हैं. शिक्षाविद इजहार अंसारी ने बताया कि इस्लामी कैलेंडर वर्ष का नौंवा महीना रमजान से शुरू होता है़
इस्लाम सन या कैलेंडर को हिजरी कहा जाता है़ रमजान की खास विशेषता यह है कि रमजान कुरान नाजीर ‘अवतरित हुआ’ रमजान में इस्लाम को माननेवाले हर व्यक्ति रोजा रखता है़ इस महीने में जन्नत के दरवाजे खोल दिये जाते हैं और दोजख का दरवाजा बंद कर दिया जाता है़ रमजान के महीने में लैल तुल कद्र की रात में इबादत करने से 100 महीने के बराबर सबाब मिलता है़ इस माह में फर्ज 70 गुना सबाब के बराबर होता है़
सुन्नत फर्ज के बराबर और नाफिल सुन्नत के बराबर सबाब मिलता है़ रमजान सब्र, अनुशासन और संयम को मानने की तालिम देता है़ बुराइयों को दूर करने की हिदायत देता है. अल्लाह की बंदगी और उसके बताये कायदो को पालन करने की भी बात बताता है़ श्री अंसारी ने बताया कि रमजान के महीने में व्यक्ति को अपनी संपत्ति का कुछ हिस्सा गरीबों में जकात और फितरा के रूप में बांटना जरूरी है. इससे उनका दिल भर जाता है.

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