अब टेलीफोन पर भी कर सकते हैं शिकायत : डीएओ
समयबद्ध तरीके से निवारण का सिस्टम होगा विकसित बक्सर : स्थानीय इ-किसान भवन के सभागार में एक दिवसीय बैठक हुई. बैठक में सभी प्रखंडों के बीडीओ, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक व कृषि समन्वयक शामिल थे. मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह ने कहा कि पूर्व की व्यवस्था अब नहीं चलेगी. कृषक बंधु का समयबद्ध कार्य, […]
समयबद्ध तरीके से निवारण का सिस्टम होगा विकसित
बक्सर : स्थानीय इ-किसान भवन के सभागार में एक दिवसीय बैठक हुई. बैठक में सभी प्रखंडों के बीडीओ, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक व कृषि समन्वयक शामिल थे. मौके पर जिला कृषि पदाधिकारी रणवीर सिंह ने कहा कि पूर्व की व्यवस्था अब नहीं चलेगी. कृषक बंधु का समयबद्ध कार्य, भ्रष्टाचार पर अंकुश, कर्मियों की शिकायत का त्वरित निष्पादन मेरी प्राथमिकता में शामिल है.
उन्होंने छह एजेंडों जैसे गरमा 2016 में मूंग तथा ढैंचा वितरण, खरीफ अभियान-2016 उपादान वितरण, रबी 2015-2016 में कार्यान्वित सभी योजनाओं में लाभुकों की सूची, रबी 2015 फसल जांच कटनी, कृषि यांत्रिकीकरण 2016, कृषि एमआइएस तथा किसान क्रेडिट कार्ड पर गहन समीक्षा की. समीक्षा के क्रम में अधिकांश एजेंडों पर उन्होंने असंतोष जताया. कहा कि वर्तमान महीने में जिसमें धान की रोपाई शुरू हो जाती है.
ऐसे में पंचायत स्तर पर खरीफ उपादान का वितरण की उपलब्धि अत्यंत ही दयनीय है. अब ऐसी व्यवस्था नहीं चलेगी. मौके पर परियोजना निदेशक,आत्मा देवनंदन राम, प्रखंड कृषि पदाधिकारी अनिल सिंह, राजेश्वर राम, अमरेंद्र कुमार, ठाकुर प्रसाद सिंह आदि मौजूद थे.
शिकायत के लिए डायल करें 9431818799 : योजनाओं के बढ़ते भ्रष्टाचार को देखते हुए डीएओ ने सरकारी नंबर जारी किया है. कहा कि यदि किसी को सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार नजर आये, तो वह 9431818799 नंबर पर फोन कर सूचना दे सकता है.
शिकायत करनेवालों के नाम की जानकारी गोपनीय रखी जायेगी. आगामी कृषि विभाग की सभी लाभकारी योजनाएं आत्मा के एम किसान पोर्टल, वाट्सऐप्प तथा फेसबुक पेज पर फ्लैश होती रहेंगी, ताकि सुदूर गांवों के किसान कृषि योजनाओं में भागीदारी ले सकें.
लाभुकों के खाते में अब तक पहुंची राशि : डीएओ ने बताया कि पूर्व में रबी उपादान वितरण में लाभुकों के खाते में डीबीटी के तहत राशि अब तक खाते में नहीं गयी है, जिसके कारण योजनाओं से किसानों का मोहभंग हो रहा है.
उन्होंने इस पर हिदायत देते हुए निदेश दिया कि प्रखंड स्तर पर किसानों की सूची खातावार तैयार कर प्रत्यक्षण वितरण के तीन दिनों के अंदर खाते में ट्रांसफर करा दें. अगर बैंक के स्तर से गड़बड़ी है, तो संबंधित पंचायत के कृषि समन्वयक व किसान सलाहकार लगातार निगरानी करें. इस प्रणाली में किसी भी स्तर द्वारा दोषी पाये जाने पर संबंधित कर्मियों को बख्शा नहीं जायेगा.
उर्वरक की कालाबजारी पर कसेगा नकेल : उर्वरक की कलाबजारी पर नकेल कसने के लिए मुक्कमल व्यवस्था की जा रही है. इसके लिए जांच टीम का गठन किया जायेगा, जो उर्वरक के डीलरों व रिटेलरों की दुकानों व गोदामों का औचक निरीक्षण करेंगे. वर्तमान समय में जलवायु परिवर्तन को देखते हुए सभी प्रसार कार्यकर्ता को संबंधित क्षेत्रों में आच्छादन एवं वर्षापात के पर्यवेक्षण की जिम्मेवारी दी गयी है, ताकि समय रहते विषत परिस्थितियों में किसानों को मदद किया जा सके.