अपनों से भी लगने लगा है कुरसी जाने का डर

बक्सर : नगर परिषद के उप मुख्य पार्षद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आते ही वार्ड पार्षदों की जोड़-तोड़ शुरू हो गयी है. सूत्रों के अनुसार कई पार्षद भूमिगत भी हो गये हैं. दरअसल उपमुख्य पार्षद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास कराना विपक्ष के पार्षदों के लिए शान की लड़ाई बनी हुई है. ऐसे में उपमुख्य […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 16, 2016 12:53 AM

बक्सर : नगर परिषद के उप मुख्य पार्षद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव आते ही वार्ड पार्षदों की जोड़-तोड़ शुरू हो गयी है. सूत्रों के अनुसार कई पार्षद भूमिगत भी हो गये हैं. दरअसल उपमुख्य पार्षद के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पास कराना विपक्ष के पार्षदों के लिए शान की लड़ाई बनी हुई है.

ऐसे में उपमुख्य पार्षद इफ्तेखार अहमद की कुरसी डोलना स्वाभाविक है. उल्लेखनीय है कि गुरुवार को उनके खिलाफ नप के 19 वार्ड पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया है, जिसके बाद नप की राजनीति फिर से एक बार गरमा गयी है. उपमुख्य पार्षद के खिलाफ यह दूसरी बार अविश्वास प्रस्ताव लाया गया है. इसके पहले दो वर्ष पूर्व वार्ड पार्षदों ने अविश्वास प्रस्ताव लाया था. तब इनकी कुरसी किसी तरह बच गयी थी. पर इस बार माना जा रहा है

कि उपमुख्य पार्षद को अपनी कुरसी बचाना आसान नहीं होगा . 19 वार्ड पार्षदों ने गुरुवार को नप के कार्यपालक पदाधिकारी को अविश्वास प्रस्ताव लाने को लेकर आवेदन दिया है और बैठक बुलाने की मांग की है. सबसे अहम बात तो यह है कि अविश्वास प्रस्ताव लाने वालों में चार पार्षद सत्ता पक्ष के हैं, जिनमें वार्ड नंबर 27 के उर्मिला सिंह, वार्ड नंबर 29 के भरत चौधरी, वार्ड नंबर 31 के बसमतिया देवी और वार्ड नंबर 17 के लक्ष्मण प्रसाद शामिल हैं, जबकि 15 पार्षद विपक्ष के हैं.

अविश्वास प्रस्ताव लाने वाले पार्षदों का आरोप है कि मुख्य पार्षद की अनुपस्थिति में बोर्ड की बैठक बुला कर उपमुख्य पार्षद द्वारा असंगत निर्णय लिया जाता है. सशक्त स्थायी समिति की बैठक में एजेंडा से हट कर निर्णय लिया जाता है, अपने वार्ड में एक ही संवेदक को कार्य का आवंटन करना, पार्षदों के साथ दुर्व्यवहार करना एवं असंसदीय भाषा का प्रयोग किया जाता है.

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