न्यायपालिका की गरिमा बनाये रखें

जायजा. पटना हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति विजयेंद्र नाथ ने बक्सर कोर्ट का किया निरीक्षण बक्सर, कोर्ट. न्यायपालिका की गरिमा को हरहाल में बनाये रखें. इसके मर्यादा को अक्षुण रखते हुए आगे बढ़ाने का प्रयास करें. उक्त बातें पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विजयेंद्र नाथ ने संघ भवन में आयोजित एक समारोह के दौरान कहीं. उन्होंने खासकर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | July 23, 2016 7:58 AM
जायजा. पटना हाइकोर्ट के न्यायमूर्ति विजयेंद्र नाथ ने बक्सर कोर्ट का किया निरीक्षण
बक्सर, कोर्ट. न्यायपालिका की गरिमा को हरहाल में बनाये रखें. इसके मर्यादा को अक्षुण रखते हुए आगे बढ़ाने का प्रयास करें. उक्त बातें पटना उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति विजयेंद्र नाथ ने संघ भवन में आयोजित एक समारोह के दौरान कहीं. उन्होंने खासकर युवा अधिवक्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि वे बाग के सुंदर एवं सुगंधित पौधे के समान अपने ज्ञान को नियमित रूप से बढ़ाते रहें. आनेवाले दिनों में स्वयं ही ख्याति उनके पीछे चलता रहेगा. अधिवक्ताओं को निराश नहीं होने की नसीहत देते हुए कहा कि सच्चे मन एवं लगन के साथ वे अगर अपनी वकालत करते रहें, तो चौथा चरण उनका सुखद रहेगा.
इसके पूर्व अध्यक्षीय संबोधन में संघ के अध्यक्ष विजय नारायण मिश्रा ने कहा कि जमीन के अभाव में अधिवक्ताओं के भवन का निर्माण अभी तक नहीं हो पाया है, जिसके चलते हर मौसम में अधिवक्ताओं को कई परेशानियां उठानी पड़ती हैं.
वहीं, धन्यवाद ज्ञापन के दौरान महासचिव गणेश ठाकुर ने कहा कि हमलोगों के झोंपड़ी में भगवान श्रीकृष्ण अतिथि के रूप में आये हैं. इधर संघ द्वारा न्यायमूर्ति को शाल से सम्मानित किया गया. इसके साथ ही भागवत गीता और रामायण भी भेंट की गयी. इस मौके पर अधिवक्ता प्रेमचंद उपाध्याय, शिवपूजन लाल, आनंद मोहन उपाध्याय, दिग्विजय कुमार सिंह, राधेश्याम मिश्रा, जनार्दन राय, शिवजी राय के साथ मंच संचालन अधिवक्ता शेषनाथ सिंह ने किया.
प्रशासन भी पूरे दिन रहा अलर्ट
न्यायमूर्ति के आगमन को लेकर जिला प्रशासन पूरी तरह से अलर्ट था. न्यायालय में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये थे. सुरक्षा व्यवस्था का जिम्मा स्थानीय थानाध्यक्ष राघव दयाल के ऊपर था. वहीं, न्यायालय भी पूरी तरह से चकाचक दिखा. सुरक्षा को लेकर चप्पे-चप्पे पुलिस बल के जवान मौजूद थे. अधिवक्ताओं ने न्यायमूर्ति को अपनी समस्याओं से उन्हें अवगत कराया.

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