15.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

अभद्र टिप्पणी मामला : 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में दयाशंकर

लखनऊ / बक्सर / पटना : बसपा सुप्रीमो मायावती पर अभद्र टिप्पणी कर गिरफ्तार हुए बीजेपी के पूर्व नेता दयाशंकर को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार की देर शाम मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रमोद कुमार सिंह के समक्ष पेश किया. वहां से सीजेएम ने दयाशंकर सिंह को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज […]

लखनऊ / बक्सर / पटना : बसपा सुप्रीमो मायावती पर अभद्र टिप्पणी कर गिरफ्तार हुए बीजेपी के पूर्व नेता दयाशंकर को यूपी एसटीएफ ने गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार की देर शाम मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी प्रमोद कुमार सिंह के समक्ष पेश किया. वहां से सीजेएम ने दयाशंकर सिंह को 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया.दयाशंकर ने मऊ में बसपा सुप्रीमो के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की थी लेकिन मुकदमा लखनऊ में दर्ज कराया गया था. दयाशंकर को एसटीएफ की टीम आज ही बक्सर से गिरफ्तार कर लखनऊ ले गयी है.

कोर्ट की सख्ती से हुई गिरफ्तारी-मायावती

इस बीच, बसपा अध्यक्ष मायावती ने दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी को उच्च न्यायालय की सख्ती का नतीजा बताते हुए कहा कि प्रदेश पुलिस को पहले दिन से ही सिंह के पते-ठिकाने के बारे में पूरी जानकारी थी लेकिन सपा और भाजपा की मिली भगत की वजह से उन्हें बचाया जा रहा था. उन्होंने प्रदेश विधान परिषद में प्रतिपक्ष के नेता और बसपा के राष्ट्रीय महासचिव नसीमुद्दीन सिद्दीकी की गाड़ी पर आज आगरा में हुए हमले की निन्दा करते हुए पुलिस की संदिग्ध भूमिका को इस वारदात का कारण बताया.

सपा-भाजपा में गठजोड़- मायावती

मायावती ने कहा कि इस घटना से साबित होता है कि प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति कितनी खराब है और साथ ही इलाहाबाद उच्च न्यायालय की लखनऊ पीठ द्वारा कल कल दयाशंकर सिंह की गिरफ्तारी पर रोक लगाने से ‘इनकार’ किये जाने के बाद भाजपा इतनी बौखला गयी है कि अब वह हिंसा पर उतर आयी है. इससे सपा-भाजपा की आपसी मिलीभगत का भी पता चलता है.

मायावती पर अभद्र टिप्पणी का मामला

मालूम हो कि भाजपा के तत्कालीन प्रान्तीय उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने पिछले हफ्ते एक बयान में मायावती को अभद्र टिप्पणी की थी. उसके बाद उन्हें भाजपा से निकाल दिया गया था और गत 20 जुलाई को उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था. बसपा नेता मेवालाल गौतम की तरफ से दर्ज प्राथमिकी में सिंह के खिलाफ अनुचित जाति एवं जनजाति :अत्याचार निरोधक: अधिनियम तथा भारतीय दंड सहिता की धाराएं लगाई गई थी. उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट भी जारी किया गया था और पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिये जगह-जगह छापे मार रही थी.

गिरफ्तारी नहीं होने पर सरकार पर उठ रहे थे सवाल

सिंह की गिरफ्तारी ना होने को लेकर राज्य सरकार चौतरफा घिर गयी थी. बसपा उस पर भाजपा से मिलीभगत का लगातार आरोप लगा रही थी, वहीं भाजपा भी उस पर बसपा की मदद करने का इल्जाम लगाकर घेर रही थी. दयाशंकर सिंह ने बसपा प्रमुख के बारे में अभद्र टिप्पणी के बाद अपने खिलाफ मुकदमा दर्ज किये जाने को उच्च न्यायालय में चुनौती दी थी. उन्होंने इस मामले में अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने के आदेश देने का आग्रह किया था. हालांकि अदालत ने कल उन्हें इस सिलसिले में कोई राहत नहीं दी थी.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें