बक्सर (नावानगर) : बिहारमें बक्सरके सिकरौल में डॉक्टर की हत्या के बाद लोगों का आक्रोश फूट पड़ा. मंगलवार की रात में ही लोग सड़क पर उतर गये और जम कर हंगामा किया. आक्रोशित लोगों ने बांस-बल्ला व पेड़ की टहनी लगाकर जगह-जगह सड़क जाम कर दी. इस दौरान टायर जला कर आगजनी व पुलिस के खिलाफ नारेबाजी भी की. मौके पर पहुंची पुलिस को शव उठाने से भी रोक दिया गया. इसको लेकर पुलिस व लोगों के बीच नोकझोंक व हाथापाई भी हुई.
इससे मंगलवार की रात से लेकर बुधवार की सुबह तक सिकरौल बाजार में अफरातफरी का माहौल बना रहा. आक्रोशित लोग डाॅक्टर के हत्यारों को गिरफ्तार करने, मृतक के परिजनों को मुआवजा व नौकरी देने व सिकरौल के थानाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह को हटाने की मांग कर रहे थे. लोगों का कहना था कि हत्या के इस मामले में स्थानीय थाना की भूमिका काफी संदिग्ध रही है. पुलि स की लापरवाही के कारण डाॅक्टर के हत्यारे भागने में सफल रहे.
हत्या व हंगामे की सूचना के बाद डुमरांव डीएसपी कमलपति सिंह व कोरानसराय थानाध्यक्ष नंदन कुमार मौके पर पहुंचे और लोगों को समझाने का प्रयास किया, पर ग्रामीण डीएम व एसपी को बुलाने की मांग पर अड़े रहे. बाद में बुधवार की सुबह डीएम रमण कुमार, एसपी उपेंद्र कुमार शर्मा व डुमरांव एसडीओ प्रमोद कुमार सिकरौल पहुंचे और समझा कर लोगों के गुस्से को शांत किये. एसपी ने बताया कि थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया गया है.
वहीं, डीएम रमण कुमार द्वारा नियम के अनुसार मुआवजा देने का आश्वास दिया गया. इसके बाद आवागमन बहाल किया जा सका. उसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भेजा. गौरतलब हो कि मंगलवार की रात करीब आठ बजे सिकरौल बाजार में डॉक्टर गोपाल प्रसाद चौधरी की गोली मार हत्या कर दी गयी थी. इस मामले में लापरवाही बरतनेवाले थानाध्यक्ष को सस्पेंड कर दिया गया है.
चौदह घंटे के बाद उठा डाॅक्टर का शवक
सिकरौल निवासी ग्रामीण डॉक्टर गोपाल प्रसाद चौधरी की हत्या को लेकर उपजा आक्रोश थमने का नाम नहीं ले रहा था. मंगलवार की रात से ही सड़क पर उतरे लोग हटने का नाम नहीं ले रहे थे. ग्रामीण शव को उठने नहीं दे रहे थे, जिससे स्थिति पूरी तरह अनियंत्रित हो गयी थी. गांववाले स्थानीय थाना पुलिस की लापरवाही पर आक्रोशित थे. हालात को देखते हुए डीएम व एसपी को कमान संभालनी पड़ी. दोनों अफसरों की पहल पर करीब चौदह घंटे के बाद डाॅक्टर का शव उठने दिया गया.
डाॅक्टर को उनके क्लिनिक पर मारी गयी गोली
डाॅक्टर कोमंगलवारकी रात आठ बजे उनके क्लिनिकपर गोली मारीगयीथी. इलाज के दौरान ले जाने के क्रम में रास्ते में उन्होंने दम तोड़ दिया था. उसके बाद से ही थानाध्यक्ष को हटाने व हत्यारों की गिरफ्तारी को लेकर हजारों की संख्या में लोग सड़क पर उतर गये. हालांकि रात में एसपी के निर्देश पर डुमरांव डीएसपी कमलापति सिंह व कोरानसराय थानाध्यक्ष दलबल के साथ सिकरौल पहुंचे, पर लोगों का गुस्सा शांत करने में दोनों अफसर सफल नहीं हो सके.
सूत्रों की मानें, तो घटनास्थ ल पर पहुंचे डीएसपी व कोरानसराय थानाध्यक्ष को ग्रामीणों का आक्रोश भी झेलना पड़ा . ग्रामीणों पर किसी भी अधिकारी की बातों का असर नहीं पड़ रहा था. लोग थानाध्यक्ष वीरेंद्र सिंह को सस्पेंड करने, हत्यारों को गिरफ्तार करने व मुआवजा की मांग पर अड़े रहे. अंतत: ग्रामीणों को मनाने के लिए बुधवार की सुबह करीब नौ बजे डीएम रमण कुमार व एसपी उपेंद्र शर्मा सिकरौल पहुंचे. उसके बाद ही डाॅक्टर का शव उठाया जा सका.
छह माह पहले डाॅक्टर के भाई पर हुआ था हमला
बक्सर के सिकरौल गांव निवासी डाॅक्टर गोपाल प्रसाद चौधरी का परिवार पहले से ही अपराधियों के निशाने पर था. डाॅक्टर की हत्या से पहले उनके भाई पर भी हमला हुआ था. जानकारी के अनुसार डाॅक्टर के छोटे भाई कृष्णा कुमार चौधरी क्लिनिक में काम करते थे. करीब छह माह पहले बक्सर से दवा लेकर सिकरौल जाने के क्रम में सिकरौल-बक्सर मार्ग पर उन पर हमला किया गया था. उस समय उनको चाकू मार कर जख्मी कर दिया गया था और पैसा भी छीन लिया गया था. उसको लेकर सिकरौल के ही पवन कुमार को आरोपित किया गया था. फिलवक्त पवन कुमार उस मामले में जेल में बंद है. काफी दिनों तक चली इलाज के बाद उनकी जान बच सकी थी. हत्या की जांच में जुटी पुलिस उस मामले को भी जोड़ कर चल रही है.
डॉक्टर पुत्र के बयान पर प्राथमिकी दर्ज
डॉक्टर हत्याकांड के 24 घंटे के बाद डॉक्टर के पुत्र के बयान पर अज्ञात लोगों पर प्राथमिकी दर्ज हुई है. इस संबंध में पुलिस ने बताया कि डॉक्टर के बड़े लड़के के बयान पर अज्ञात अपराधियों के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज करायी गयी है. हत्यारों की गिरफ्तारी को लेकर टीम गठित कर दी गयी है. टीम भोजपुर पुलिस से भी हत्याकांड में शामिल अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर संपर्क किया जा रहा है.
डीएम की पहल पर डाॅक्टर के परिजनों को दी गयी मुआवजे की राशि
अपराधियों के गोली के शिकार डाॅक्टर गोपाल चौधरी के परिजनों को मुआवजा की राशि देने का काम शुरू कर दिया गया है. डीएम रमण कुमार की पहल पर बीडीओ अशोक कुमार द्वारा पारिवारिक लाभ योजना के तहत तत्काल बीस हजार की राशि प्रदान की गयी. इसके अलावा दलित उत्पीड़न के तहत साढ़े सात लाख की राशि देने की कवायद तेज कर दी गयी है. बीडीओ ने बताया कि पोस्टमार्टम के बाद दलित उत्पी ड़न के तहत मिलने वाली राशि का 25 प्रतिशत दे दिया गया.
समय पर नहीं पहुंच सके अस्पताल
कहते हैं कि मौत बहाना खोजती है. मंगलवार की रात सिकरौल निवासी ग्रामीण डाॅक्टर गोपाल प्रसाद चौधरी के साथ भी कुछ ऐसा ही हुआ. जान बचाने के लिए डाॅक्टर को जिस गाड़ी से अस्पताल ले जाया जा रहा था, वही गाड़ी उनकी मौत का कारण भी बन गयी. हुआ यह था कि गोली लगने के बाद डाॅक्टर को एक प्राइवेट गाड़ी से आरा ले जाया रहा था. इस बीच नावानगर के समीप गाड़ी का क्लच प्लेट जल गया. ऐसे में डाॅक्टर को आनन-फानन में नावानगर पीएचसी ले जाया गया, लेकिन तब तक काफी देर हो चुकी थी. अस्पताल पहुंचने से पहले ही डाॅक्टर की सांस थम चुकी थी. लोगों की मानें, तो अगर गाड़ी में खराबी नहीं आती, तो शायद डाॅक्टर समय पर अस्पताल पहुंच जाते और उनकी जान बच जाती.
सौ गज की दूरी तय करने में पुलिस को लगे चौदह घंटे
‘मे आइ हेल्प यू’ और पुलिस हमेशा आपकी सेवा’ में का नारा देनेवाली सिकरौल थाने की पुलिस को महज सौ गज की दूरी तय करने में चौदह घंटे का समय लग गया. वह भी गोली के शिकार डाॅक्टर के परिजनों की मदद की गुहार लगाने के बावजूद. सिकरौल पुलिस की इस रवैये से लोगों का गुस्सा भड़क उठा और लोग रात में ही सड़क पर उतर गये. घटना के संबंध में डाॅक्टर के बेटे अगम चौधरी सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि घटना के समय पुलिस मूकदर्शक बनी रही. लोगों ने बताया कि अपराधियों द्वारा गोली मारे जाने के बाद तुरंत थानाध्यक्ष को सूचना दी गयी, पर पुलिस मौके पर नहीं पहुंच सकी.
काफी देर के बाद डुमरांव डीएसपी व कोरानसराय थाने की पुलिस मौके पर पहुंची. बुधवार की सुबह डीएम व एसपी पहुंच गये, फिर भी सिकरौल थाने की पुलिस नहीं आ सकी. इसी का नतीजा था कि लोग पूरी तरह आक्रोशित थे. करीब चौदह घंटे के बाद डीएम व एसपी की पहल पर जब मामला शांत हुआ, ताे स्थानीय थाने की पुलिस मृतक के घर गयी और परिजनों से जानकारी हासिल की.
पिता को गोलियों से छलनी होते देखता रह गया अगम
गोली लगने के बाद पिता को तड़पते देख कलेजा छलनी हो गया, पर बचा नहीं सका. उसकी आंखों के सामने अपराधियों ने उसके पिता को भून दिया. वह चाह कर भी कुछ नहीं कर सका. इतना कहते-कहते डाक्टर गोपाल का बेटा अगम चौधरी फफक पड़ा. उसका कहना था कि पूरे जीवन पिता को बचा नहीं पाने का दर्द झेलना पड़ेगा. पिता के शव के पास बैठा अगम बार-बार विचलित हो जा रहा था. उसका कहना था कि जिस समय अपराधी पहुंचे, उस समय वह घर की छत पर ही खड़ा था. उसने समझा कि कोई मरीज है दिखाने आया है. बाद में जब गोली चलने लगी, तो लगा की अपराधियों ने हमला कर दिया. उसके बाद उसने काफी शोर मचाया, पुलिस को भी सूचना दी, पर कोई बचाने नहीं नहीं आया.
वहीं, डाॅक्टर के छोटे बेटे संगम व बेटी सुमन का भी रो-रोकर बुरा हाल हो चुका था. इधर, पति के वियोग में गंगाजली देवी बार-बार बेहोश हो जा रही थी. उनका कहना था कि आखिर मेरे पति का क्या गलती कि थी उनकी हत्या कर दी गयी. उनकी हालत देख मौजूद लोगों का कलेजा भी दहलजा रहा था.
चौबीस घंटे बाद भी सुराग नहीं
ग्रामीण चिकित्सक गोपाल चौधरी की हत्या के चौबीस घंटे बाद भी हत्यारों का सुराग नहीं मिल सका है. पुलिस अब तक इस मामले अंधेरे में ही तीर चला रही है. बुधवार की शाम तक इस मामले में एफआइआर दर्ज नहीं होने से भी पुलिस की जांच बाधित हो रही है. हालांकि पुलिस कई बिंदुओं से मामले की जांच कर रही है. हत्यारों का सुराग पाने के लिए मोबाइल भी सर्विलांस की भी मदद ली जा रही है. इसके लिए घटना के समय सिकरौल बाजार में काम करनेवाले मोबाइलों का डाटा डंप तैयार की जा रही है.
एसपी उपेंद्र शर्मा ने बताया कि हत्या का कारण स्पष्ट नहीं हो पा रहा है. वैसे कई बिंदुओं से मामले की जांच की जा रही है. उन्होंने बताया कि पहली नजर में हत्या का कारण कोई पुरानी दुश्मनी लग रही है. हालांकि परिजनों द्वारा इस मामले में भी कुछ भी स्पष्ट नहीं बताया जा रहा है. एसपी के अनुसार कुछ दिन पहले सिकरौल गांव में लाला पासवान नाम के एक व्यक्ति को गोली मारी गयी थी. इसके अलावा करीब छह माह पहले डाॅक्टर के भाई को भी चाकू मार दी गयी थी. ऐसे में दोनों मामलों के आधार पर भी मामले की छानबीन की जा रही है. उन्होंने बताया कि घटनास्थ ल पर काम करनेवाले मोबाइलों का डाटा डंप तैयार किया जा रहा है. उसके आधार पर घटना के समय काम करनेवाले मोबाइलों की जांच की जायेगी. उन्होंने बताया कि बहुत जल्द मामले का खुलासा कर दिया जायेगा.
पहले दवा मांगी, फिर मार दी गोली
अपराधियों ने पहले दवा ली और फिर डॉक्टर को गोली मार दी. अपराधी बुखार की दवा लेने के लिए डाॅक्टर गोपाल प्रसाद चौधरी के क्लिनिक में गये थे. डाॅक्टर के पुत्र अगम चौधरी ने बताया कि अपराधी इलाज कराने के बहाने हत्या की घटना को अंजाम दिये हैं. उन्होंने बताया कि घर में ही क्लिनिक हैं. रात करीब आठ बजे वह अपने घर की छत पर खड़ा था. पिता क्लिनिक में बैठे थे, तभी एक बाइक पर सवार दो युवक पहुंचे. दोनों तेज बुखार होने की बात बता रहे थे. पिताजी द्वारा दवा देने के बाद दोनों बाहर चले गये.
उसके बाद पिताजी क्लिनिक में ताला लगा रहे थे. इसी बीच दोनों वापस लौटे और फायरिंग कर दी. इसमें एक गोली पेट को पार करते हुए निकल गयी. जबकि दूसरी गोली छाती में फंस गयी. घटना को अंजाम देने के बाद दोनों आराम से बाइक लेकर भाग नि कले. वहीं, गोली लगने के बाद अफरातफरी मच गयी और आनन-फानन में उनको इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया , जहां डॉक्टरों ने उनको मृत घोषित कर दिया .
टीम का हुआ गठन : एसपी
डॉक्टर के पुत्र की तहरीर के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. अपराधियों की गिरफ्तारी को लेकर टीम का गठन किया गया है. जल्द ही अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया जायेगा. उपेंद्र शर्मा, एसपी
अपराधियों को संरक्षण : भाजपा सांसद
राज्य सरकार अपराधियों को पनाह दे रही है, जिसके कारण आये दिन हत्याएं हो रही हैं. डॉक्टर की हत्या की जितनी निंदा की जाये, उतनी कम है. लेकिन, सरकार को इससे कोई लेना देना नहीं है. अश्विनी चौबे, सांसद