टूटी सड़कों से गुजरते हैं राहगीर

बक्सर : शहर का वार्ड नंबर 12 घनी आबादी वाला वार्ड है. इस वार्ड में एक तरफ जहां उच्च व संपन्न वर्ग के लोग वास करते हैं, तो दूसरी तरफ दलित परिवारों का बसेरा भी है. वार्ड की आबादी करीब आठ हजार है, जबकि यहां 25 सौ वोटर हैं. इस वार्ड में शांतिनगर, किला मैदान […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 18, 2016 5:57 AM
बक्सर : शहर का वार्ड नंबर 12 घनी आबादी वाला वार्ड है. इस वार्ड में एक तरफ जहां उच्च व संपन्न वर्ग के लोग वास करते हैं, तो दूसरी तरफ दलित परिवारों का बसेरा भी है. वार्ड की आबादी करीब आठ हजार है, जबकि यहां 25 सौ वोटर हैं. इस वार्ड में शांतिनगर, किला मैदान के पीछे के इलाके में सैकड़ों दलित परिवार हैं, जिनका इंदिरा आवास अब तक नहीं बन पाया. शांति नगर के लोगों की झोंपड़ियां वर्ष 1991 से ही यहां बनी है, पर इन्हें आज तक बासगीत परचा नहीं मिल पाया.
वार्ड का विस्तार काफी तेजी से हुआ है. इसमें कई नयी कॉलोनियां भी बनी हैं और उन तक जाने के लिए रास्ते भी, पर कई जगहों पर पक्कीकरण नहीं होने से राहगीरों को परेशानी होती है. स्टेशन रोड स्थित डीएवी स्कूल के ठीक सामनेवाले पइन रोड की स्थिति काफी खराब है. कई जगहों से टूट-फूट चुका है और सड़क गड्ढे में तब्दील हो चुकी है. वार्ड पार्षद बताते हैं कि तीन साल तक वे विपक्ष में रहे, जिससे योजनाओं को लागू कराने में थोड़ी परेशानी हुई है. अब वे सत्ता पक्ष में हैं और अब कई कामों को तेजी से करना है. वे बताते हैं कि इस सड़क के लिए एक बड़े फंड की आवश्यकता है.
इधर, प्रभात खबर की टीम जब वार्ड की समस्या को लेकर लोगों से बातचीत की, तो लोगों ने कई तरह की समस्याओं को बताया. लोगों ने बताया कि कई जगहों पर एलइडी लाइटें नहीं लगायी गयी हैं, जिससे काफी परेशानी होती है. राशन कार्ड भी नहीं बन पाया है.
ऐसे में बाजार से महंगे दाम पर अनाज की खरीदारी करनी पड़ती है. कई जगहों पर नाली के पानी की निकासी की भी समस्या है, नतीजा सड़क पर ही घरों का गंदा पानी बहता है और राहगीरों को आने-जाने में परेशानी होती है.

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