बाढ़ से टूटा कई गांवों का संपर्क

तबाही. गंगा के साथ सहायक नदियां भी उफान पर,दहशत कायम खतरे के निशान से 0.32 मीटर ऊपर पहुंचा गंगा नदी का जल स्तर बाढ़ग्रस्त बस्तियों में कैंप कर रहे अधिकारी व मेडिकल टीम बक्सर : जिले में गंगा समेत अन्य सहायक नदियां उफान पर हैं. शुक्रवार को गंगा नदी खतरे के निशान से 0.32 मीटर […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | August 20, 2016 6:44 AM
तबाही. गंगा के साथ सहायक नदियां भी उफान पर,दहशत कायम
खतरे के निशान से 0.32 मीटर ऊपर पहुंचा गंगा नदी का जल स्तर
बाढ़ग्रस्त बस्तियों में कैंप कर रहे अधिकारी व मेडिकल टीम
बक्सर : जिले में गंगा समेत अन्य सहायक नदियां उफान पर हैं. शुक्रवार को गंगा नदी खतरे के निशान से 0.32 मीटर ऊपर बह रही थी. जल स्तर प्रति घंटे 0.01 मीटर की रफ्तार से बढ़ रहा है. अगर यही रफ्तार बनी रही, तो गंगा का जल स्तर बाढ़ के निशान 62.52 मीटर को जल्द ही छू लेगा. बाढ़ के पानी के बढ़ने के कारण जिले के सात गांवों का संपर्क बिल्कुल ही टूट गया है.
जिलाधिकारी रमण कुमार ने बाढ़ग्रस्त इलाकों में नावों के परिचालन की व्यवस्था की है. बाढ़ को लेकर जिला, अनुमंडल एवं प्रखंड स्तरीय अधिकारी क्षेत्र में भ्रमण करते रहे. जिलाधिकारी मोटरबोट से जिले के बक्सर, चौसा, सिमरी एवं चक्की प्रखंड के बाढ़ग्रस्त इलाकों का मुआयना किया. डीएम ने बाढ़ से परेशान लोगों से मिल कर उनकी समस्याएं भी सुनीं. डीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि आपदा राहत कार्य में किसी भी प्रकार की कोताही बरदाश्त नहीं की जायेगी. लोगों को बचाना एवं उन्हें मूलभूत सुविधा प्रदान करना ही प्रशासन का मुख्य उद्देश्य है.
हजारों एकड़ में लगी फसल पानी में जलमग्न : जिले के बाढ़ग्रस्त इलाकों में हजारों एकड़ में लगी फसल पानी में जलमग्न हो गयी है. ब्रह्मपुर प्रखंड के गोकुल जलाशय और धर्मावती नदी के जल में लगातार वृद्धि हो रही है.
इससे नदी के किनारे के खेतों में लगातार पानी प्रवेश करते जा रहा है. गायघाट से लेकर नैनिजोर तक के हजारों एकड़ में लगी मक्का, ज्वार, बाजरा एवं परवल के खेती बरबाद हो गयी है, जिससे परवल के खेत तो बिल्कुल डूब गये हैं़ इसमें लाखों रुपये की क्षति किसानों को हुई.
पानी से घीरा महीजीडेरा, जिलाधिकारी ने किया तटबंधों का मुआयना : चक्की़. गंगा व उसकी सहायक नदियों के जल स्तर में लगातार हो रही बढ़ोतरी से जवहीं दियर पंचायत के बक्सर कोइलवर तटबंध के उतरी इलाके में बसा महाजीडेरा गांव पानी से चारों तरफ से घिर चुका है. इसके कारण ग्रामीणों का जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है.
ग्रामीणों को कमर भर पानी पार कर अपने दैनिक कार्यों को निबटाना मजबूरी बन गया है. गंगा व उसके सहायक नदियों में आये उफान के कारण पूरा दियारा क्षेत्र जलमग्न हो चुका है, जिसके कारण किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ रहा है. किसानों की हजारों एकड़ में लगी फसल पानी में डूब गयी है. इससे किसानों के साथ-साथ मवेशियों के चारे पर भी आफत आ गयी है. इलाके में मक्का, अरहर व सब्जियों की खेती बड़े पैमाने पर की जाती है़ साथ ही दूध का कारोबार भी काफी बड़े पैमाने पर किया जाता है़ इस पर भी बुरा असर पड़ा है. जिलाधिकारी रमण कुमार पूरे दलबल के साथ बक्सर-कोइलवर तटबंध का जायजा लेने पहुंचे़. जिलाधिकारी ने गंगौली से लेकर जवहीं तक तटबंध का निरीक्षण किया़ साथ ही संबंधित अधिकारियों को लगातार भ्रमण करने व पल-पल का अपडेट देते रहने का निर्देश दिया.
जवहीं-चक्की मार्ग पर पानी चढ़ने से आवागमन ठप : प्रखंड मुख्यालय को जवहीं से जोड़नेवाली सड़क पर धर्मावती नदी का पानी भर जाने के कारण इस मार्ग पर आवागमन पूरी तरह से ठप हो चुका है, जिसके कारण लोगों को आठ किलोमीटर की दूरी घुम कर 20 किलोमीटर की अतिरिक्त दूरी तय कर प्रखंड मुख्यालय जाना पड़ रहा है.
बाढ़ में फंसे हैं दर्जनों हिरण : बाढ़ का पानी चारों तरफ फैलने से हिरण और निलगायें दो दिनों से ऊंचे टीलों पर शरण बनाये हुए हैं. भुख के कारण हिरणों की हालत अब खराब हो रही है.

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