एक अक्तूबर को कलश स्थापन, 11 को दशमी
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इस बार दस दिनों तक मनाया जायेगा शारदीय नवरात्र
एक अक्तूबर को कलश स्थापन, 11 को दशमी दो दिन होगी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना बक्सर : रतीय संस्कृति में शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व है. नौ दिनों तक चलनेवाली नवरात्र पूजा में दुर्गा के नौ रूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी एवं सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. आम तौर पर […]
दो दिन होगी मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना
बक्सर : रतीय संस्कृति में शारदीय नवरात्र का विशेष महत्व है. नौ दिनों तक चलनेवाली नवरात्र पूजा में दुर्गा के नौ रूपों शैलपुत्री, ब्रह्मचारिणी, चंद्रघंटा, कुष्मांडा, स्कंदमाता, कात्यायनी, कालरात्रि, महागौरी एवं सिद्धिदात्री की पूजा की जाती है. आम तौर पर शारदीय नवरात्र नौ दिवसीय होती है. तिथि घटने पर कभी-कभी आठ दिन का भी हो जाता है, लेकिन इस बार शारदीय नवरात्र दस दिनों तक चलेगा. एक से 10 अक्तूबर शनिवार को कलश स्थापन के बाद मां के प्रथम रूप शैलपुत्री की पूजा होगी.
दो को सुबह 5.53 बजे द्वितीय तिथि लग रही है,
जो तीन अक्तूबर की सुबह 7.44 बजे तक रहेगा. सूर्योदय के बाद इसके खत्म होने के कारण पूरा दिन द्वितीय तिथि मानी जायेगी. दो दिनों तक मां ब्रह्मचारिणी की पूजा-अर्चना होगी. इसी कारण नवरात्र दस दिनों का हो रहा, जो 10 अक्तूबर को संपन्न होगा. उल्लेखनीय है कि पिछले वर्ष प्रतिपदा दो दिन होने के कारण नवरात्रि 10 दिन हुई थी़
नवरात्र का बढ़ना होता है शुभ :
जानकारों के अनुसार आम तौर पर नवरात्र नौ दिनों की होती है. कभी कभी तिथि घटती-बढ़ती है. नवरात्र का बढ़ना शुभ माना जाता है. बढ़ी हुई नवरात्र जन-धन व व्यापार के लिए विशेष फलदायी होता है. संतान सुख की प्राप्ति के बढ़े नवरात्र में पूजा करने का विशेष महत्व होता है. यह सुख, शांति व समृद्धि का सूचक है. राजनीतिक स्थिरता बनी रहेगी.
शहर में पंडाल और मूर्ति की तैयारी शुरू : शहर में हनुमान फाटक, यमुना चौक स्थित मेन रोड, नया बाजार, सिंडिकेट, पीपी रोड समेत कई स्थानों पर मां दुर्गा की प्रतिमा स्थापित की जाती है. इसके लिए प्रमुख स्थानों पर तैयारियां शुरू कर दी गयी हैं. हनुमान फाटक एवं यमुना चौक में मूर्ति बननी शुरू हो गयी है. मूर्ति बनाने के लिए पश्चिम बंगाल से कारिगारों को बुलाया जाता है.
क्या कहते हैं पंडित
इस बार नवरात्र दस दिनों की है. जिस तिथि का सूर्योदय होता है, उसी दिन पहले नवरात्रि की तिथि मानी जाती है. द्वितीय की तिथि दो दिन तक है. इसका जन-धन और व्यापार के हिसाब से विशेष महत्व है. एक अक्तूबर को कलश स्थापन एवं दस अक्तूबर को नवमी है. 11 अक्तूबर को विजय दशमी है.
पंडित कृष्णानंद शास्त्री पौराणिक जी महाराज
नवरात्र तारीख दिन
प्रतिपदा 1 अक्तूबर शनिवार
द्वितीय 2 अक्तूबर रविवार
द्वितीय 3 अक्तूबर सोमवार
तृतीय 4 अक्तूबर मंगलवार
चतुर्थी 5 अक्तूबर बुधवार
पंचमी 6 अक्तूबर गुरुवार
षष्ठी 7 अक्तूबर शुक्रवार
सप्तमी 8 अक्तूबर शनिवार
अष्टमी 9 अक्तूबर रविवार
नवमी 10 अक्तूबर सोमवार
दशमी 11 अक्तूबर मंगलवार
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