बक्सर : इटाढ़ी प्रखंड के बसांव कला गांव के लोग विगत 12 वर्षो से बिजली नहीं रहने के कारण लालटेन युग में रहने को विवश हैं. दो हजार की आबादी वाले इस गांव में पांच सौ दलित व डेढ़ सौ अल्पसंख्यक लोग निवास करते हैं.
इसके बाद भी बिजली विभाग द्वारा इस गांव में बिजली की आपूर्ति अब तक नहीं की जा सकी है. ग्रामीणों ने बताया कि 12 वर्ष पूर्व यहां बिजली थी. ट्रांसफॉर्मर जला, तब से बिजली आज तक नहीं आयी. वर्तमान समय में अधिकांश काम बिजली पर आधारित होने के कारण गांव के लोगों को काफी समस्या होती है.
मोबाइल चार्ज करने से लेकर अन्य संसाधन से लोग काफी दूर हैं. किसानों और छात्रों को सबसे ज्यादा परेशानी उठानी पड़ती है. छात्र सोनू कुमार, राजू कुमार, जवाहर राम, रामावतार, राकेश कुमार ने बताया कि उसे याद नहीं है कि गांव में बिजली कब थी.
लोगों ने बताया कि अब बिजली आने का इंतजार मन से खत्म होता जा रहा है. संपन्न लोग सोलर प्लेट लगा कर बिजली की सुविधाएं तो प्राप्त कर लेते हैं, लेकिन गरीब तबके के लोगों के लिए बिजली सपना बनी हुई है.
मोबाइल चार्ज करने के लिए लोगों को दूसरे गांव में पांच रुपये देकर चार्ज कराने जाना पड़ता है. लोगों ने बताया कि उसके गांव से सटे जिगना, पहाड़पुर, नारायणपुर, बराढ़ी टोले में बिजली है. परंतु, इन गांवों के बीचोबीच होने के बाद भी बिजली नहीं है. जन प्रतिनिधियों के आने पर सिर्फ आश्वासन मिलता है.