पुत्रेष्टि यज्ञ से प्रसन्न होकर अग्नि देव ने राजा दशरथ को दिया प्रसाद
नाटक. रामजन्म ,नामकरण तथा माखन चोरी लीला का हुआ मंचन बक्सर : श्री रामलीला समिति के तत्वावधान में आयोजित 22 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव के क्रम में किला मैदान में रामजन्म, नामकरण व माखन चोरी लीला का मंचन हुआ. वृंदावन से पधारे सुप्रसिद्ध रामलीला मंडल के बृजधाम नंद नंदल संस्थान के स्वामी श्री करतार प्रपन्नाचार्य जी […]
नाटक. रामजन्म ,नामकरण तथा माखन चोरी लीला का हुआ मंचन
बक्सर : श्री रामलीला समिति के तत्वावधान में आयोजित 22 दिवसीय विजयादशमी महोत्सव के क्रम में किला मैदान में रामजन्म, नामकरण व माखन चोरी लीला का मंचन हुआ. वृंदावन से पधारे सुप्रसिद्ध रामलीला मंडल के बृजधाम नंद नंदल संस्थान के स्वामी श्री करतार प्रपन्नाचार्य जी महाराज के निर्देशन व प्रख्यात व्यास आचार्य गणेश चंद्र दीक्षित जी महाराज के प्रसंग गायन के दौरान मंगलवार की देर रात रामजन्म व नामकरण मंचन हुआ. इसमें दिखाया गया कि रावण के अत्याचार बढ़ने पर देवतागण भगवान विष्णु के पास जाते हैं. मौके पर भगवान विष्णु ने देवाताओं को आश्वस्त किया. इधर, राजा दशरथ बैठे
विचार करते हैं कि सब कुछ होने के बावजूद उनकी कोई संतान नहीं है. यह विचार लेकर व गुरु वशिष्ठ के पास जाते हैं, जहां गुरु वशिष्ठ ने पुत्र प्राप्ति के लिए उन्हें पुत्रेष्टि यज्ञ करने का परामर्श देते हैं. राजा दशरथ शृंगी ऋषि को बुलाकर पुत्रेष्टि यज्ञ करते हैं. यज्ञ के बाद अग्नि देव प्रकट होकर राजा को प्रसाद देते हैं. जिसके प्रताप से महाराज को चार पुत्रों की प्राप्ति होती है. गुरु वशिष्ठ ने उनका नाम राम, लक्ष्मण, भरत व शत्रुघ्न रखा.
कांन्हा ने माखन चोरी नहीं करने का दिया वचन : बुधवार को श्रीकृष्ण लीला के दौरान दर्शकों के लिए माखन चोरी लीला का मंचन किया गया. इसमें दिखाया गया कि कान्हा को घर में माखन चोरी करते माता यशोदा ने पकड़ लिया. वह कान्हा को माखन चोरी की आदत को छोड़ने को लेकर समझाती हैं. माता कहती हैं कि माखन चोरी को लेकर रोजना गोपियां शिकायत करती हैं. इस पर कान्हा माखन चोरी नहीं करने का वचन देते हैं. उसके बावजूद गोपियां माखन चोरी की शिकायत लेकर माता यशोदा के पास आती हैं.
रामलीला में खूब जुट रही भीड़
कार्यक्रम प्रस्तुत करते कलाकार.