जगन्नाथपुरी में ठगी कर चुका है गिरोह
ठगी करनेवाले अंतरराज्यीय गिरोह का बक्सर पुलिस ने किया भंडाफोड़ गिरोह का सरगना मोहन लाल का पूरा परिवार करता है ठगी बक्सर : मठ से करोड़ों की ठगी करनेवाले एक अंतरराज्यीय ठग गिरोह का बक्सर पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. पकड़े गये सभी सदस्य राजस्थान के रहनेवाले हैं. इनमें छह महिलाएं भी शामिल हैं. पुलिस […]
ठगी करनेवाले अंतरराज्यीय गिरोह का बक्सर पुलिस ने किया भंडाफोड़
गिरोह का सरगना मोहन लाल का पूरा परिवार करता है ठगी
बक्सर : मठ से करोड़ों की ठगी करनेवाले एक अंतरराज्यीय ठग गिरोह का बक्सर पुलिस ने भंडाफोड़ किया है. पकड़े गये सभी सदस्य राजस्थान के रहनेवाले हैं. इनमें छह महिलाएं भी शामिल हैं. पुलिस गिरफ्तार ठगों से पूछताछ कर ठगी के कई और मामलों के खुलासे में लगी हुई है. पूछताछ के दौरान ठगों ने बताया कि ओडिशा के जगन्नाथपुरी मंदिर में भी ठगी कर चुके हैं. गिरोह का मास्टर माइंड मोहन लाल अग्रवाल बताया जाता है. इस धंधे में उसकी पत्नी चंदा बाई भी शामिल रहती थी. गिरफ्तार लोगों में राजस्थान के जिला वाडा के मोहन लाल अग्रवाल, उसकी पत्नी चंदा बाई, बेटी निर्मला देवी, ज्योति बाला, पल्लवी शर्मा, पिंकी शर्मा, टोनू शर्मा, पुत्र मुकेश शर्मा, टिंकू शर्मा और राजू शर्मा शामिल हैं.
ओडिशा, यूपी, बिहार के बाद नेपाल के मठों पर थी इनकी नजर
पूरा कुनबा ही ठगी गिरोह में शामिल है. पूछताछ के दौरान सभी ने बताया कि अब तक यूपी, ओड़िशा और बिहार के कई मठों और मंदिरों से करोड़ों रुपये की ठगी कर चुके हैं. इसके बाद अब इनका अगला निशाना नेपाल के मठ और मंदिरों पर था, लेकिन इनका संयोग खराब था कि अभी पूरी प्लानिंग बक्सर पुलिस की नजरों से बच न सकी और सभी को एक साथ धर दबोचा.
ठगी के रुपयों से करोड़ों की बनायी संपत्ति : ठगी के रुपयों से मोहन लाल अग्रवाल ने करोड़ों की बेनामी संपत्ति बनायी है, जिसमें राजस्थान के कई जगहों पर जमीन भी ली है. इसकी जांच पुलिस कर रही है. इसके साथ ही बक्सर पुलिस राजस्थान के वाडा जिला के पुलिस से संपर्क साधने में जुट गयी है, ताकि यह पता चल सके कि ठगी के माध्यम से मोहन लाल अग्रवाल ने कितने की बेनामी संपत्ति बनायी है. एएसपी शैशव यादव ने बताया कि संपत्ति की जांच की जायेगी. इसके लिए एक टीम का भी गठन किया जायेगा.
ऐसे देते थे घटना को अंजाम : दिखने में सीधे साधे और शातिर इतने की किसी को भी अपना शिकार बना ले. मोहन लाल अग्रवाल और उसकी पत्नी चंदा बाई पहले मठ या मंदिर की रेकी करते थे. इसके बाद वहां के सभी आने जानेवाले लोगों पर नजर रखते थे. फिर किसी तरह मठ में जाकर अपने को व्यवसायी बताकर या पुजारी बताकर मठ में रहने लगते थे. पांच दिन बाद अपने परिवार को बुलाकर ठगी की घटना को अंजाम देते थे.