बिना जांच के ही घर लौट रहे हैं मरीज

मरीज कैसे कराएं जांच, जब बक्सर अस्पताल में नहीं है किट बक्सर : दीपावली एवं छठ को लेकर बाहर रहनेवाले लोग जिले में पहुंचने लगे है़ं इनके आने से जिले में डेंगू एवं चिकनगुनिया के मरीजों के पीड़ित होने की संभावना बढ़ गयी है़ इन बीमारियों के इलाज के लिए जिले में कोई व्यवस्था नहीं […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | October 27, 2016 12:52 AM

मरीज कैसे कराएं जांच, जब बक्सर अस्पताल में नहीं है किट

बक्सर : दीपावली एवं छठ को लेकर बाहर रहनेवाले लोग जिले में पहुंचने लगे है़ं इनके आने से जिले में डेंगू एवं चिकनगुनिया के मरीजों के पीड़ित होने की संभावना बढ़ गयी है़ इन बीमारियों के इलाज के लिए जिले में कोई व्यवस्था नहीं है और न ही जिला स्तर पर कोई जांच की व्यवस्था ही है़ ऐसे मरीजों के सदर अस्पताल आने पर उसका इलाज के बजाय उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया जाता है़
सदर अस्पताल में नहीं है इलाज की व्यवस्था : आस्था व पवित्रता के पर्व छठ व दीपावली को लेकर बाहर रहनेवाले लोग अपने घरों को लौटने लगे है़ं बाहर में डेंगू और चिकनगुनिया से पीड़ित लोगों के पहुंचने की संभावना बढ़ गयी है़ जिले में डेंगू एवं चिकनगुनिया से पीड़ित मरीजों की जांच के लिए सदर अस्पताल में कोई व्यवस्था नहीं है और न ही इलाज की ही व्यवस्था है़
नहीं है इलाज के लिए अलग वार्ड
सदर अस्पताल में डेंगू एवं चिकनगुनिया मरीजों के इलाज के लिए अलग वार्ड की व्यवस्था नहीं की गयी है़ ऐसे पीड़ित मरीजों को इमरजेंसी में ही इलाज के लिए भरती लिया जाता है. उसके बाद डेंगू व चिकनगुनिया के लक्षण देखते ही उसे पीएमसीएच रेफर कर दिया जाता है़
जिले में आ रहे हैं प्रतिदिन हजारों लोग : अन्य प्रदेशों में विगत दिनों डेंगू व चिकनगुनिया रोग से लोग प्रभावित रहे है़ं
छठ पर्व को लेकर जिले के निवासी स्वदेश पहुंचने लगे है़ं ऐसे लोगों में इन रोगों के संक्रमण का खतरा बना हुआ है.
कहते हैं मरीज
सर्दी और बुखार से पीड़ित मरीज मुन्ना कुमार एवं पार्वती देवी ने बताया कि सदर अस्पताल में व्यवस्था ही कहां मिल पाता है़ केवल सर्दी जुखाम की ही पैथोलॉजी में जांच हो पाता है
माइक्रो जांच की सुविधा उपलब्ध नहीं
इन बीमारियों की माइक्रो जांच होती है, जिसकी सुविधा जिले में उपलब्ध नहीं है़ इसकी जांच पीएमसीएच में कराना पड़ता है़ जिले में ऐसे मरीजों के लिए चार बेड का अलग से वार्ड बनाया गया है.
ब्रज कुमार सिंह, सिविल सर्जन
बच्ची को देखते चिकित्सक.
सदर अस्पताल में इलाज के लिए लंबी कतार.

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