प्रोत्साहन नौ सौ रुपये प्रति क्विंटल मिलेगा आलू का आधार बीज, तीन हजार हेक्टेयर में होगी खेती

उद्यान निदेशक ने विभाग को भेजा पत्र बक्सर : जिला उद्यान विभाग द्वारा इस बार तीन हजार हेक्टेयर में आलू की बुआई की जायेगी. आलू की खेती के लिए किसानों को आलू के कुफरी पोखराज, कुफरी कंचन के आधार बीज भी अनुदानित दर पर दिया जा रहा है. किसानों को अनुदानित दर पर आलू का […]

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 5, 2016 4:07 AM

उद्यान निदेशक ने विभाग को भेजा पत्र

बक्सर : जिला उद्यान विभाग द्वारा इस बार तीन हजार हेक्टेयर में आलू की बुआई की जायेगी. आलू की खेती के लिए किसानों को आलू के कुफरी पोखराज, कुफरी कंचन के आधार बीज भी अनुदानित दर पर दिया जा रहा है. किसानों को अनुदानित दर पर आलू का आधार बीज मुहैया कराने को लेकर उद्यान विभाग के निदेशक ने जिला उद्यान कार्यालय के सहायक निदेशक को पत्र भेजा है, जिसमें आलू के उन्नतशील आधार बीज का मूल्य निर्धारित किया है. इसकी जानकारी देते हुए सहायक निदेशक सुरेंद्र प्रसाद राय ने बताया कि नौ सौ रुपये प्रति क्विंटल आलू के आधार बीज दिया जायेगा.
एक हेक्टेयर के लिए जरूरी बीज का मूल्य 27 हजार रुपये है, जिसमें किसानों को साढ़े 17 हजार रुपये अनुदान दिया जायेगा. आलू के आधार बीज में उन्नतशील कुफरी पुखराज, कुफरी कंचन किस्म के बीज उपलब्ध हैं. प्रमाणित है कि इस बीज से खेती करनेवाले किसानों को डेढ़ गुणा अधिक उपज मिलती है. इससे उपज आलू भी बीज के श्रेणी में ही आता है. जिसे अगले वर्ष भी बुआई कर अच्छी पैदावार हासिल की जा सकती है. आलू के कुफरी पोखराज कुफरी, कंचन बीज खेती करने पर पाला झुलसा नामक बीमारी नहीं होती है, जिससे पैदावार अधिक होती है.
कुफरी पोखराज और कुफरी कंचन बीज की ये हैं खूबियां :
आलू के आधार बीजो में कुफरी पोखराज व कुफरी कंचन बीज प्रथम श्रेणी के बीज हैं. इसकी खेती से प्राप्त उपज भी बीज की श्रेणी में ही आता है. कुफरी पोखराज की फसल 80 से 90 दिनों में पक कर तैयार हो जाती है. इसका फल उजला होता है. वहीं, कुफरी कंचन 100 दिनों में पक कर तैयार होता है. इसका फल लाल रंग का होता है. इन दोनों बीजों की बुआई करने पर पाला झुलसा बीमारी नहीं होती और उपज एक हेक्टेयर में 350 से 400 क्विंटल होती है.
आधार बीज से 50 फीसदी अधिक होती है उपज :
कृषि में उत्पादन बढ़ाने में बीज सबसे सस्ता महत्वपूर्ण साधन माना जाता है. पारंपरिक तरीके से आलू खेती करने में प्रयोग किये जानेवाले बीजों के अपेक्षा उन्नत किस्म के प्रमाणित बीज के व्यवहार से आलू की फसलों में करीब 50 फीसद अधिक पैदावार होती है. बता दें कि उन्नत किस्म के बीजों का उत्पादन राज्य बीज निगम, सरकारी कृषि प्रक्षेत्रों तथा किसानों के प्रक्षेत्रों में किया जाता है, जिसे राज्य बीज प्रमाणीकरण संस्था द्वारा ही बीजों को प्रमाणित किया जाता है. ऐसे बीज उन्नत श्रेणी के होते हैं. इसी तरह के बीजों का उत्पादन कर जिला उद्यान विभाग किसानों को उपलब्ध करा रहा है.
प्रति हेक्टेयर बीज पर 17 हजार मिलेगी सब्सिडी
जिले में आलू की खेती 30 हेक्टेयर में करायी जायेगी. इसको लेकर किसानों को नौ सौ रुपये प्रति क्विंटल दर पर आलू के आधार बीज दिया जा रहा है. एक हेक्टेयर में 27 हजार के आलू बीज की खरीद करने पर साढ़े 17 हजार रुपये अनुदान दिया जायेगा. अनुदान की राशि डीबीटी के माध्यम से किसानों के बैंक खाते में भेजी जायेगी.
सुरेंद्र प्रसाद राय, सहायक निदेशक, उद्यान विभाग, बक्सर

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