भगवान विष्णु की मूर्ति उत्तर गुप्त काल के पहले का हो सकता है : विकाश वैभव
डुमरांव : बिहार के सिनीयर आइपीएस अधिकारी और महाभारत कालीन तीर्थ स्थलों पर शोध करने वाले विकाश वैभव और हेरिटेज सोसायटी के सचिव डाॅ. आशुतोष द्विवेदी ने कोरानसराय थाना क्षेत्र के कचईनिया गांव के जंगल का दौर किया. दोनों लोगों ने जंगल में दो घंटे का समय व्यतीत किया. विकाश वैभव ने कहा की यहां […]
डुमरांव : बिहार के सिनीयर आइपीएस अधिकारी और महाभारत कालीन तीर्थ स्थलों पर शोध करने वाले विकाश वैभव और हेरिटेज सोसायटी के सचिव डाॅ. आशुतोष द्विवेदी ने कोरानसराय थाना क्षेत्र के कचईनिया गांव के जंगल का दौर किया. दोनों लोगों ने जंगल में दो घंटे का समय व्यतीत किया. विकाश वैभव ने कहा की यहां मौजूद भगवान विष्णु की मूर्ति उत्तर गुप्त काल के पहले का हो सकता है.
विकास वैभव ने यह भी कहां की यहां की खुदाई होनी चाहिये. उनके साथ हेरिटेज सोसायटी के सचिव ने कहा की मध्य उत्तर गुप्त काल की मूर्तियां भी हो सकती है. यहां किसी स्थापत्य संरचना के स्तंभ का अवशेष भी पार्वती की मूर्ति के रूप में मौजूद है. सचिव ने जंगल के अंदर कुछ पुराने बर्तनों के अवशेष को भी तलाशा किया और बताया की यहां पर बिखरी पड़ी कई चीजें 1300 साल पुरानी भी हो सकती है.
दोनों अधिकारियों ने काफी देर तक जंगल का निरीक्षण किया और हिरण के साथ-साथ जंगली जानवरों की तस्वीरे अपने में कैद किया. दोनों लोगों ने पर्यटन के विकास की असीम संभावनायें व्यक्त की. मौके पर स्थानीय समाजसेवी सुमित गुप्ता के साथ शिक्षक उपेन्द्र पाठक, पूर्णानंद मिश्र, संजय सिंह राकेश त्रिपाठी, धीरज पांडेय आदि लोग उपस्थित थे.